भारत कभी यह खतरा मोल न लेता !

Tuesday, Jul 19, 2016 - 02:09 PM (IST)

पाकिस्तान में जश्न का माहौल है। न उसकी किसी टीम ने विश्व कप जीता है, न उसे कोई बड़ी सैनिक सफलता मिली है। यह खुशी जताई जा रही है   किसी इंसान की मौत पर। पाकिस्तानी बॉल्ड क्वीन कंदील बचोल की हत्या पर लोग खुशी जाहिर कर रहे हैं। यह हत्या उसी के भाई ने मुल्तान में की।  अपनी ही बहन की हत्या करने पर उसे कोई पछतावा नहीं है। 

उम्मीद साथ ही चली गई
अदनान सामी को भारतीय नागरिकता मिलने के बाद पाकिस्तान की मॉडल कंदील बलोच भी उम्मीद करने लगी थी कि उसे भी यह पड़ोसी देश अपना लेगा। उसने इस बारे में कुछ महीने पहले ट्वीट भी किया था। उसे लेकर पाकिस्तान में जो माहौल बन गया था उससे वह काफी निराश थी। एक इंटरव्यू में कंदील ने कहा था कि पाकिस्तान में लोग उसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। बोल्ड अंदाज के लिए उसे अपने ही परिवार वालों से धमकियां मिल रही थीं। 

विवादों से बचा भारत
 
कंदील को भारत में काम कर पाना ज्यादा आसान लग रहा था। सवाल है कि क्या भारत इसके लिए तैयार हो जाता ? विदेश में पीडित अपने नागरिकों को अपनाने में उसे कुछ समय लग जाता है, जिन विवादों से कंदील जुड़ी हुई थी, भारत उन्हें हवा देने के लिए कभी तैयार नहीं होता। पाकिस्तान से वैसे भी उसके संबंध असामान्य हैं। वह किसी नए विवाद में फंसने को कभी नहीं तैयार होता। उसके ट्वीट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और क्रिकेट जगत के सितारे विराट कोहली का नाम आ चुका था। नागरिकता के विवाद में सरकार को आलोचना झेलनी पड़ती और पाकिस्तान आरोप दागने का मौका कभी न छोड़ता।    

जश्न का माहौल
कंदील हमेशा अपने बोल्ड अंदाज की वजह से विवादों से घिरी रहती थी और  सोशल मीडिया में छाई रहती थी। वह पाकिस्तान के लिए कलंक मानी जाती थी। उसकी हरकतों से पाकिस्तान बदनाम हो रहा था। लोगों ने इसे पाकिस्तान के लिए एक अच्छी खबर बताया। उसके भाई को धन्यवाद भी दिया है। ट्वीट करके लोगों ने अपनी खुशी जताई है। कुछ लोगों ने वहां जश्न भी मनाया।

सहानुभूति पर आपत्ति

कुछ भारतीयों ने जब इस हत्याकांड पर सहानुभूति व्यक्त की तो पाकिस्तान के नागरिकों ने तुरंत अपनी आपत्ति जता दी। सोशल मीडिया पर चर्चित रहने वाली इस मॉडल को पहले से ही अपनी जान को खतरा था। उसने पाकिस्तान के गृह मंत्रालय से सुरक्षा की मांग भी की थी। लेकिन मंत्रालय ने इस मांग पर न तो कोई जवाब दिया न कोई सुरक्षा दी गई। इसका क्या अर्थ लगाया जाए कि पाकिस्तान की सरकार भी उससे छुटकारा पाना चाहती थी ?
Advertising