क्षेत्रीय तीव्र परिवहन प्रणाली: भारत के शहरी विकास में नया बदलाव

punjabkesari.in Monday, Jun 02, 2025 - 03:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत के तेजी से बढ़ते शहरी क्षेत्रों में, बेहतर और टिकाऊ परिवहन समाधान की जरूरत तेजी से बढ़ रही है। क्षेत्रीय तीव्र परिवहन प्रणाली (RRTS) इस चुनौती का समाधान प्रस्तुत करती है। यह प्रणाली परंपरागत मेट्रो और हाई-स्पीड ट्रेन के बीच की दूरी को पाटती है, जिससे लंबी दूरी की यात्रा बहुत तेज और आसान हो जाती है। खासकर सैटेलाइट शहरों और मुख्य महानगरों के बीच यात्रा के समय में भारी कमी आती है, जो लोगों की जीवन गुणवत्ता में सुधार करती है।

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का महत्व
RRTS का पहला चरण दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ को जोड़ रहा है, जो कि "नमो भारत" के नाम से जाना जाता है। यह परियोजना शुरू हो चुकी है और भविष्य में दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत जैसी और भी लाइनें जुड़ेंगी। इस विस्तार के बाद, यह नेटवर्क 8,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को कवर करेगा, जो दिल्ली मेट्रो की तुलना में लगभग दोगुना क्षेत्र है।

RRTS का बहुआयामी प्रभाव
यह प्रणाली केवल यात्रियों की सुविधा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत के शहरी विकास में एक नई दिशा भी प्रदान करती है। शहरों और उनके उपनगरों को जोड़कर, यह रोजगार के नए अवसर पैदा करता है और क्षेत्रीय विकास को संतुलित करता है। इससे न केवल बड़े शहरों का विकास होता है, बल्कि छोटे शहरों और कस्बों को भी फायदा पहुंचता है।

पर्यावरण और ट्रैफिक पर प्रभाव
RRTS के आने से निजी वाहनों पर निर्भरता कम होगी, जिससे सड़कें खाली होंगी और ट्रैफिक जाम में कमी आएगी। इसके साथ ही, प्रदूषण में भी उल्लेखनीय गिरावट संभव है, जो स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण के लिए महत्वपूर्ण है। यह प्रणाली ग्रीन टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जिससे यह पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देती है।

भविष्य की तैयारी
जैसे-जैसे भारत के महानगर विस्तार कर रहे हैं, RRTS जैसे अभिनव परिवहन नेटवर्क देश के शहरी परिदृश्य को बदलने और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह प्रणाली न केवल यात्रा को तेज और सुविधाजनक बनाएगी, बल्कि आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी आधारशिला साबित होगी।


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Content Editor

Mansa Devi

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