क्षेत्रीय भाषाओं को समान रुप से प्रोत्साहित किया जाए: नायडू

Saturday, Sep 16, 2017 - 03:47 PM (IST)

नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का मानना है कि हिंदी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं का भी समान रुप से प्रचार-प्रसार होना चाहिए। श्री नायडू ने कहा कि वह इन्हें क्षेत्रीय भाषाएं नहीं बल्कि भारतीय भाषाएं मानते हैं। मातृभाषा में व्यक्ति अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से अभिव्यक्त करता है। इसलिए क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने शुक्रवार रात एक कार्यक्रम में कहा कि हिंदी को भी प्रोत्साहित करना जरूरी है क्योंकि हिंदी के बगैर राष्ट्रीय स्तर पर बातचीत करना संभव नहीं है। अंग्रेजी प्रेम को गुलाम मानसिकता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के प्रभाव के कारण लोग अंग्रेजी बोलने में शान समझते हैं। आंध्रप्रदेश से ताल्लुक रखने वाले नायडू ने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा कि उन्होंने दक्षिण भारत में हुए हिंदी विरोधी आन्दोलन में हिस्सा लिया था, लेकिन बाद में राष्ट्रीय राजनीति में आने पर उन्हें हिंदी का महत्व समझ में आया। 
 

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