RCEP समझौते को लेकर भाजपा-आर.एस.एस. में टकराव!

Saturday, Oct 12, 2019 - 09:12 AM (IST)

नई दिल्ली: विभिन्न देशों के साथ व्यापार समझौते के मुद्दे पर केन्द्र की भाजपा सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सरकार रिजनल कॉम्प्रीहैंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आर.सी.ई.पी.) को लेकर बातचीत कर रही है जो कि अंतिम चरण में है। आर.सी.ई.पी. में 10 आसियान देशों के साथ ही भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया और जापान भी शामिल हैं।


वहीं आर.एस.एस. इस समझौते को लेकर आपत्ति जता रहा है। आर.एस.एस. प्रमुख मोहन भागवत ने भी हाल ही में कहा था कि केन्द्र सरकार को व्यापार समझौतों से बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं करनी चाहिए। हालांकि केन्द्र सरकार का पक्ष है कि भारत एक बंद अर्थव्यवस्था नहीं बन सकता और कई वर्ग देश को आगे बढ़ा रहे हैं। आर.एस.एस. की आॢथक विंग स्वदेशी जागरण मंच (एस.जे.एम.) ने ऐलान किया है कि वह आर.सी.ई.पी. और 16 देशों के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते का विरोध करेगा। गुरुवार से शुरू हुआ यह 10 दिवसीय विरोध राष्ट्रीय स्तर का होगा। इसके साथ ही एस.जे.एम. देश के हर जिले में जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपेंगे।


मसले पर भाजपा मुख्यालय में हुई बैठक
गत सोमवार को भाजपा मुख्यालय में इस मुद्दे पर एक बैठक भी हुई थी जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव संगठन बी.एल. संतोष और गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने इंडस्ट्री के लोगों से बातचीत की थी। स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन का कहना है कि स्टील, टैलीकॉम, कैमिकल और डेयरी उद्योग आर.सी.ई.पी. का विरोध कर रहे हैं। महाजन ने कहा कि यदि आप इन इंडस्ट्री को बर्बाद कर देंगे तो उससे अर्थव्यवस्था का क्या होगा, इससे बर्बाद होने वालों की हमारे पास एक लंबी लिस्ट है।
 




16 देशों में से 11 के साथ व्यापार घाटा
एस.जे.एम. के अनुसार साल 2018-19 में आर.सी.ई.पी. के 16 देशों में से 11 के साथ भारत का व्यापार घाटा है। बीते साल भारत को आर.सी.ई.पी. देशों के साथ व्यापार में 104 बिलियन यू.एस. डॉलर का व्यापार घाटा हुआ है। इसमें से आधा अकेले चीन के साथ था। एस.जे.एम. ने एन.डी.ए.-1 के कार्यकाल के दौरान भी सरकार की पॉलिसी का विरोध किया था। एस.जे.एम. के नेता अश्विनी महाजन का कहना है कि आर.सी.ई.पी. से देश की मौजूदा और भविष्य में आने वाली पीढिय़ों को नौकरियां नहीं मिलेंगी।
 

हर कोई आर.सी.ई.पी. का विरोधी नहीं: अग्रवाल
भाजपा के आॢथक मामलों के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि इंडस्ट्री में हर कोई आर.सी.ई.पी. का विरोध नहीं कर रहा है। वैश्विक, घरेलू इंडस्ट्री और देश की अर्थव्यवस्था के लिए आर.एस.ई.पी. और मुक्त व्यापार समझौता व्यापार संबंधों के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। हालांकि भाजपा ने इंडस्ट्री के लोगों, ङ्क्षथक टैंक, कार्यकत्र्ताओं और ओपिनियन मेकर्स को इस मुद्दे पर अपनी राय देने के लिए बुलाया है। कुछ समस्याएं हैं लेकिन कई वर्ग चाहते हैं कि देश इस दिशा में पूरी बातचीत के साथ आगे बढ़े।

Anil dev

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