गायकवाड़ ने ‘नो फ्लाई रूल’ का किया स्‍वागत, कहा- नियम सबके लिए होने चाहिएं

Saturday, May 06, 2017 - 03:06 PM (IST)

मुंबईः इतिहास में पहली बार नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अशिष्‍ट यात्रियों के लिए नो फ्लाई लिस्‍ट का नियम ड्राफ्ट किया है। केंद्र सरकार की इस घोषणा का शिवसेना सांसद रविंद्र गायकवाड़ ने भी स्‍वागत किया है। गायकवाड़ का कहना है कि ऐसी लिस्ट की आवश्यकता है, ऐसी लिस्ट जरूर लाई जानी चाहिए ताकि सहयात्रियों और कर्मचारियों को समस्या न हो। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कि केवल यात्रियों को नहीं बल्कि एयरलाइंस के कर्मचारियों को भी नियमों के दायरे में लाया जाना चाहिए। उनका कहना है कि नियम सबके लिए होना चाहिएं।

एयर इंडिया कर्मचारी से की थी बदसलूकी
उड्डयन सचिव आर एन चौबे की घोषणा पर गायकवाड़ ने मांग की है कि प्रत्‍येक एयरलाइन बाहरी सदस्‍यों के साथ स्‍टैंडिंग कमेटी का गठन करेगी और संसद के सदस्‍यों को भी कमेटी का हिस्‍सा होना चाहिए, ताकि वे एयरलाइन स्‍टाफ के आचरण की जांच कर सके। दरअसल, 23 मार्च को शिवसेना सासंद ने एयर इंडिया के कर्मचारी को चप्पल से मारा था। इस घटना के बाद एयर इंडिया की तरफ से नए नियमों को लागू किए जाने की मांग हो रही थी।


बुरे व्यवहार पर मिलेगी ये सजा
उड्डयन मंत्रालय के नए नियमाें के अनुसार, बुरे व्यवहार को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है- लेवल 1, लेवल 2 और लेवल 3। लेवल 1 उन यात्रियों के लिए होगा जो हंगामा करेंगे। लेवल 2 उन यात्रियों के लिए होगा जो मारपीट, धक्का-मुक्की या यौन उत्पीड़न की घटना को अंजाम देंगे। लेवल 3 में वह यात्री आएंगे, जो दूसरों के लिए खतरा बन गए हों। दोषियों को 3 महीने, 6 महीने और 2 साल या इससे भी ज्यादा वक्त तक बिना किसी सीमा के उड़ान पर प्रतिबंध लगाया जा सकेगा। इसके लिए सजा इस प्रकार होगी- हंगामा करने (level 1) वालों पर 3 माह तक सफर पर पाबंदी, मारपीट करने (level 2) वालों पर 6 माह तक सफर पर रोक और दूसरों के लिए खतरा (level 3) बने तो 2 साल की रोक लग जाएगी।

सुझावों पर गौर करेगा मंत्रालय
नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्‍हा ने कहा, यदि कोई घटना होगी तब एयरइंडिया तुरंत यात्री को प्रतिबंधित कर सकती है। इसके बाद अगल 10 दिनों में इसका फैसला किया जाएगा। नए नियमों को लेकर आम जनता एक महीने के भीतर अपने सुझाव दे सकती है। नियमों को लागू करने से पहले मंत्रालय सुझावों पर गौर करेगा। चौबे ने बताया कि यह नियम घरेलू एयरलाइंस पर ही लागू होंगे और अंतर्राष्ट्रीय विमानन कंपनियां भी चाहें तो इन्हें मान सकती हैं।

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