जजों की नियुक्ति को लेकर उठे सवाल पर रविशंकर ने दिया यह जवाब
Wednesday, Mar 22, 2017 - 06:34 PM (IST)
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में कहा गया कि यदि परमाणु बमों के बटन को लेकर प्रधानमंत्री पर भरोसा किया जा सकता है तो श्रेष्ठ लोगों को जज नियुक्त करने को लेकर उन पर विश्वास क्यों नहीं किया जा सकता। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जब यह बयान दिया उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में मौजूद थे। प्रसाद ने कहा कि शक्तियों की बाध्यता विधायिका के साथ ही न्यायपालिका पर भी लागू होती है क्योंकि वह भी लोकतंत्र का एक अंग है। लोकसभा के कुछ सदस्यों ने दावा किया था कि सुप्रीम कोर्ट अपने कुछ फैसलों के जरिए विधायिका के मामलों में दखल दे रहा है। इसके बाद कानून मंत्री ने यह बयान दिया। कुछ सांसदों ने जजों की नियुक्ति को लेकर बने कानून को बदलने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए थे।
कोर्ट में बकाया पड़े मामलों और खाली पदों से जुड़े सवाल पर सप्लीमेंट्री सवाल करते हुए भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट क्रिकेट मैनेजमेंट से लेकर मेडिकल प्रवेश परीक्षा जैसे मामलों में अपने फैसलों के जरिए विधायिका के काम में दखल दे रहा है। उनकी इस टिप्पणी पर सदन के लगभग सभी दलों के सदस्यों ने मेजें थपथपाई। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विधायिका कानून बनाएगी, कार्यपालिका इसे लागू करेगी और न्यायपालिका कानून को परिभाषित करेगी। उन्होंने कहा कि यदि यह सब पर लागू होता है तो अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि यह न्यायपालिका पर भी बराबर रूप से लागू होता है।