15 वर्ष की उम्र में हुआ रेप और फिर बन गई मां, इन्साफ के लिए ठोकरें खा रहे दो मासूम

Friday, Sep 14, 2018 - 05:00 PM (IST)

पुंछ: खुद को संभालना सीखने की उम्र में मरीना एक बच्चे का बोझ ढो रही है। यूं तो बच्चे मां-बाप पर कभी बोझ नहीं होते हैं पर जब बच्चे इज्जत खोने और कंलक लगने के बाद मिलें तो बोझ ही बन जाते हैं। मरीना के स्कूल सर्टिफिकेट पर उसकी उम्र उस समय महज सौलह वर्ष थी जब उसका बलातकार हुआ। कोर्ट में दर्ज बयान के अनुसार उसकी उम्र 19 वर्ष है जबकि अस्पताल से मिली डिस्चार्ज सिल्प के अनुसार बच्चा पैदा करते वक्त उसकी उम्र 25 वर्ष है। इन सब आंकड़ों के बीच यह बात कहीं गुम हो गई कि मरीना का रेप हुआ और उस रेप की निशानी एक बच्चा उसके पास है।


15 मार्च 2017 को एक मासूम सी लडक़ी की इज्जत उसके एक 24 वर्षीय रिश्तेदार ने तार-तार कर दी। पुंछ सीमा से सटे गांव नक्का मंझरी की मरीना का जिला देश के सबसे पिछड़े जिलों में गिना जाता है। गर्भवती होने पर उसके परिवार ने पुलिस को एप्रोच नहीं किया क्योंकि समाज की बदानमी का डर था। गांववालों और रिश्तेदारों के दवाब के बाद पीड़िता का विवाह 20 नवंबर 2017 को उसी हवशी से करवा दिया गया। शादी कामयाब नहीं हो पाई और मात्र 15 दिनों में ही उसे ससुराल से बाहर फैंक दिया गया। अब मरीना ने इंसाफ पाने की ठानी और 6 जनवरी को मेंढर के गुरसाई पुलिस चौकी में जाकर एफआईआर दर्ज करवा दी। 

दर्ज हुये बयान
लोकल पुलिस ने सेक्शन 164ए के तहत 16 जनवरी को मरीना के बयान दर्ज किये। इसमेें कहा गया कि वो परिपक्व है और अपने विवाहित जीवन से सुखी है। पुलिस में शिकायत उसके अंकल ने की है जोकि गलत है। अत: वह अपने ससुराल के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चाहती है। मरीना के अनुसार, मुझे कहा गया था कि अगर मैं ऐसा बयान देती हूं तो मेरा पति और ससुराल मुझे और मेरे होने वाले बच्चे को अपना लेंगे। मरीना ने 25 जनवरी को मेंढर के अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। उस समय न तो बच्चे का पिता और न ही ससुराल से कोई मरीना के पास था।


पुलिस ने बंद कर दिया मामला
29 जून 2018 को लोकल पुलिस ने केस बंद कर दिया। कहा गया कि रेप हुआ हीनहीं था। मार्च में मरीना ने घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया तो आरोपी जम्मू हाई कोर्ट से स्टे आर्डर के लिए दौड़ पड़ा। मरीना के पिता का कहना है कि लोग कुते के बच्चे को भी प्यार करते हैं पर मेरी बेटी का पति अपने ही बच्चे को दुत्तकार रहा है। गरीब हूं और न्याय के लिए भटक रहा हूं।


पुलिस का बयान

एसएसपी पुंछ राजीव पांडे ने कहा कि उन्होंने 12 जुलाई को इस मामले में फिर से जांच के आदेश दिये थे ताकि लडक़ी को बिना देरी के न्याय मिल सके।
(समाचार में पीड़िता का नाम बदला गया है)

Monika Jamwal

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