रांची विश्वविद्यालय की छवि नष्ट होने की कगार पर

Thursday, Jul 06, 2017 - 03:23 PM (IST)

रांचीः झारखंड में स्थित रांची विश्वविद्यालय की स्थापना सन् 1983 में हुई थी। विश्वविद्यालय में कोई भी कार्य निश्चित समय पर नही हो पा रहा है। चाहे वो परीक्षाफल प्रकाशित करने का काम हो या फिर छात्रों के प्रमाणपत्रों से संबंधित कोई काम हो। इन सब कारणों के चलते रांची विश्वविद्यालय अपनी छवि को नष्ट कर रहा है जिसपर कभी लोग नाज करते थे।

कर्मचारियों की कमी है इसका कारण 
जानकारी के अनुसार यह सभी परेशानियों का कारण कर्मचारियों की कमी है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अमर कुमार चौधरी का कहना है कि पहले कर्मचारियों की नियुक्ति विश्वविद्यालय द्वारा की जाती थी लेकिन अब यह अधिकार उनसे छीन लिया गया है। यह अधिकार सरकार को सौंप दिया गया है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा इस कार्य को लेकर कोई रुचि नही दिखाई जा रही है। उनके अनुसार काम करने में जो भी असुविधा हो रही है उन सब का कारण कर्मचारियों और शिक्षकों की कमी है।

छात्र नेता सुभाषिष वर्मा ने विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थियों को गल्त प्रश्नपत्र बांटे जाने पर कहा था कि एग्जामिनेशन कंट्रोलर को इन गल्तियों में सुधार करने की जरूरत है।

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