कल्पना नहीं 'हकीकत' है भारत-श्रीलंका के बीच बना 'रामसेतु', वैज्ञानिकों ने दिए सबूत
Wednesday, Dec 13, 2017 - 11:39 AM (IST)
नई दिल्ली: हिंदू के पौराणिक ग्रंथों में जिस पुल का जिक्र है और जो भारत-श्रीलंका को जोड़ता है क्या वह सच है? भू-वैज्ञानिकों का विश्लेषण तो कुछ ऐसा ही बताता है। भारत के दक्षिण-पूर्वी तट के किनारे तमिलनाडु स्थित मन्नार द्वीप के बीच चूना पत्थर से बनी एक श्रंखृला आज भी एक सहस्य बना हुआ है। हिंदूू पौराणिक कथाओं में एक इसे रामसेतु पुल बताया गया है।
एनसिएंट लैंड ब्रिज नाम के एक प्रोमो में ऐसा दावा किया गया है, जो बुधवार की शाम साढ़े सात बजे डिस्कवरी कम्युनिशेन के साइंस चैनल पर अमेरिका में दिखाया जाएगा। वैज्ञानिक इसको एक सुपर ह्यूमन एचीवमेंट मान रहे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार भारत-श्रीलंका के बीच 30 मील के क्षेत्र में बालू की चट्टानें पूरी तरह से प्राकृतिक हैं, लेकिन उनपर रखे गए पत्थर कहीं और से लाए गए प्रतीत होते हैं। यह करीब सात हजार वर्ष पुरानी हैं जबकि इन पर मौजूद पत्थर करीब चार-पांच हजार वर्ष पुराने हैं।
Are the ancient Hindu myths of a land bridge connecting India and Sri Lanka true? Scientific analysis suggests they are. #WhatonEarth pic.twitter.com/EKcoGzlEET
— Science Channel (@ScienceChannel) December 11, 2017
इस पुल को लेकर भू-वैज्ञानिकों के निष्कर्ष और उनका दावा -
1. भू-वैज्ञानिकों ने नासा की तरफ से ली गई तस्वीर को प्राकृतिक बताया है।
2. जबकि, जिस सैंड के ऊपर यह पत्थर रखा गया है वह मजह सिर्फ चार हजार साल पुराना है।
3. उनके मुताबिक, यहां पर लाया गए पत्थर करीब 7 हजार साल पुराना है।
4. अपने विश्लेषण में भू-वैज्ञानिकों को यह पता चला कि जिस सैंड पर यह पत्थर रखा हुआ है ये कहीं दूर जगह से यहां पर लाया गया है।
5. हालांकि, कुछ जानकार इसे पांच हजार साल पुराना मानते हैं जिस दौरान रामायण में इसे बनाने की बातें कही गई है।
6. वैज्ञानिकों ने अपने विश्लेषण में यह पाया कि 30 मील लंबी यह श्रृंखला चेन मानव निर्मित है।