भारत के सबसे कम उम्र के पेटेंट धारक दिव्यांग को शक्ति पुरस्कार, 80 फीसद शरीर को लकवा मारने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत

Thursday, Jan 23, 2020 - 01:38 PM (IST)

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को एक समारोह में 49 बच्चों को बाल शक्ति पुरस्कार-2020 से सम्मानित किया। यह समारोह राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया। पुरस्कार पाने वाले बच्चों की उम्र पांच से 18 साल के बीच है। इन बच्चों में दिव्यांगों में विश्व के सबसे कम उम्र के आविष्कारक बालक हृदयेश्वर सिंह भाटी नाम का ऐसा भी बच्चा था जिसका बीमारी के कारण 80 फीसद शरीर लकवाग्रस्त है। हृदयेश्वर आज उपलब्धियों का आसमान नाप रहे है।

ह्रदयेश्वर जब सिर्फ चार साल के थे तो चलते-चलते अचानक गिर पड़े और मांसपेशियों की लाइलाज बीमारी ड्यूशिन मस्कुलर डिस्ट्रोफी के शिकार हो गए। इस बीमारी ने उनके 80 फीसद शरीर को लकवाग्रस्त कर दिया। अपनी पावर व्हीलचेयर पर बैठे हृदयेश्वर प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंग की याद दिलाते हैं। हृदयेश्वर उन्हें प्रेरणास्नोत मानते हैं। बैठे-बैठे कुछ सोचना और फिर उस पर काम शुरू कर देना, यह हृदयेश्वर की आदत में शामिल है।

आपको बतां दे कि बाल शक्ति पुरस्कार नवाचार, समाज सेवा, शैक्षिक, खेल, कला व संस्कृति और बहादुरी के क्षेत्र में बच्चों को दिया जाता है। इसके तहत एक पदक, एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक प्रमाण पत्र और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।

Anil dev

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