गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण का फैसला ऐतिहासिक: शाह

Friday, Jan 11, 2019 - 06:26 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली के रामलीला मैदान में पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन किया। इस मौके पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सीनियर नेता मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी समेत कई बड़े नेता मौजूद हैं। इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने वर्षों से चली आ रही आरक्षण बिल की मांग को दोनों सदनों में पास कराकर करोड़ों युवाओं के स्वप्न को साकार किया है। उन्होंने कहा कि गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण का फैसला ऐतिहासिक है। शाह ने कहा कि एक दूसरे का मुंह न देखने वाले आज हार के डर से एक साथ आ गए हैं, वो जानते हैं कि अकेले नरेंद्र मोदी जी को हराना मुमकिन नहीं है। 



शाह ने कहा कि 2019 का चुनाव दो विचारधाराओं के बीच है। मोदी जी के नेतृत्व में 35 दल एक साथ खड़े हैं, दूसरी तरफ वे लोग हैं, जिनका कोई नेता तक नहीं है। अमित शाह ने कहा कि मैं मानता हूं कि 2019 का 'युद्ध' सदियों तक असर छोडऩे वाला है। उन्होंने कहा कि हमारे पास 16 राज्यों की सरकारों की ताकत है और इसके साथ चुनाव मैदान में जा रहे हैं।  5 साल के अंदर देश का विकास और गौरव दोगुनी रफ्तार से बढ़ा है।



शाह ने कहा कि मराठा एक युद्ध हारे थे तो देश 200 साल के लिए गुलाम हो गया था। 2019 की स्थिति भी आज उसी तरह की है। उन्होंने कहा कि 2014 में 6 राज्यों में बीजेपी की सरकारें थीं और आज 16 राज्यों में हमारी सरकार है। दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित अधिवेशन में उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा कि 2019 में मोदी की सरकार बनवा दीजिए, केरल तक बीजेपी सरकार बना लेगी।   



दो दिन तक चलने वाली इस बैठख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पूरे देश से आए हजारों कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे।  यह अब तक की सबसे बड़ी राष्ट्रीय परिषद होगी, जिसमें देशभर से लगभग 12 हजार प्रमुख कार्यकर्ता जुटेंगे। यह बैठक समान्य वर्ग के आॢथक रूप से कमजोर तबके के लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान करने वाले संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा की मंजूरी मिलने के बीच हो रही है। इसने हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में हिंदी पट्टी के तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी को मिली हार के बाद भगवा पार्टी के मनोबल को बढ़ाया है। 

यह पहला मौका है जब भाजपा अपनी राष्ट्रीय परिषद की बैठक को विस्तृत स्वरूप देने जा रही है। इसमें हर लोकसभा क्षेत्र के लगभग दस प्रमुख नेता हिस्सा लेंगे। बैठक में सभी सांसदों, विधायकों, परिषद के सदस्यों, जिला अध्यक्षों व महामंत्रियों के साथ हर क्षेत्र के विस्तारकों को भी बुलाया गया है। बैठक में राजनीतिक व आॢथक मुद्दों समेत तीन प्रमुख प्रस्तावों के पारित किये जाने की संभावना है। इसमें राम मंदिर के मुद्दे पर भी पार्टी का रूख स्पष्ट किया जा सकता है। इस विषय पर आरएसएस समेत हिन्दुवादी संगठन मंदिर निर्माण के लिये कानून बनाने की मांग कर रहे हैं । समझा जाता है कि बैठक में कांग्रेस और उसकी सर्मिथत सरकारों के साठ साल के कामकाज की तुलना भी रखी जाएगी और बताया जाएगा कि वर्तमान सरकार के दौरान कितनी तेजी से विकास हुआ है।  
 

Anil dev

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