राम मंदिर निर्माण के लिए अब बचे हैं सिर्फ दो ही रास्ते: रामदेव

Sunday, Dec 02, 2018 - 01:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राम मंदिर निर्माण को लेकर मचे घमासान के बीच योग गुरु बाबा रामदेव ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। अहमदाबाद और वडोदरा में पतंजलि परिधान का स्टोर लॉन्च करने पहुंचे बाबा रामदेव ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि राम मंदिर अयोध्या में बनना है अगर दोनों जगह सत्ता होने के बाद भी नहीं बन पाता है, तो जनता का भरोसा सरकार से उठ जाएगा। उन्होंने कहा कि राम राजनीति का मुद्दा नहीं, राष्ट्र की अस्मिता का सवाल है इसलिए राम मंदिर बनना बेहद जरूरी है।

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा का खुलेआम समर्थन करने वाले तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुखर समर्थक माने जाने वाले बाबा रामदेव ने कहा कि अब जब केंद्र और उत्तर प्रदेश दोनो जगह भाजपा की सरकार है, अगर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं हुआ तो लोगों का भरोसा भाजपा से उठ जायेगा जो इस सत्तारूढ़ दल के लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राममंदिर निर्माण के दो ही रास्ते हैं। एक तो यह है कि लोग कानून और अदालत की परवाह किये बिना खुद ही इसका निर्माण शुरू कर दें। ऐसा होने पर इस पर सवाल उठाये जायेंगे। दूसरा यह है कि सरकार लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था संसद के जरिये कानून बना कर ऐसा करे।  

बाबा रामदेव ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में इतना विलंब हो चुका है कि लोगों को अदालत के जरिये इस मामले के जल्दी सुलझने की आशा ही नहीं है। अब मोदी सरकार मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश ला सकती है। देशवासी अयोध्या में राममंदिर देखना चाहते हैं।  उन्होंने दावा किया कि राम अल्पसंख्यकों और बहुसख्यकों के बीच विवाद के विषय नहीं है क्योंकि वे दोनो ही के पूर्वज हैं। 


बता दें कि इससे पहले भी बाबा रामदेव ने कहा था कि राम मंदिर का निर्माण न होने पर विद्रोह हो सकता है। उन्होंने कहा था कि राम मंदिर निर्माण का रास्ता सुप्रीम कोर्ट से नहीं, बल्कि संसद से साफ होगा और सरकार को इस ओर पहला कदम बढ़ाना चाहिए। लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है। वे अब ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते। गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, वीएचपी और संत समाज ने कड़ा रुख अपना लिया है। मोदी सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह तुरंत कानून बनाकर राम मंदिर का निर्माण करें। सरकार से मांग की जा रही है कि अध्यादेश लाकर या कानून बनाकर इसका हल निकाला जाए। 

vasudha

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