विज्ञापनों में झूठे दावे कर रहे बाबा रामदेव, मिली फटकार

Thursday, May 26, 2016 - 07:33 PM (IST)

नई दिल्ली : भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने योगगुरू बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को उसके उत्पादों के भ्रामक विज्ञापन के लिए लताड़ लगाई है। एएससीआई ने गुरुवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि पतंजलि के केश कांति तेल, फेश वॉश, सरसों तेल, वाशिंग पाउडर एवं टिकिया और बर्तन धोने वाले साबुन जैसे उत्पादों के विज्ञापन उपभोक्तओं में भ्रम उत्पन्न करने वाले हैं और परिषद् के मानकों का भी उल्लंघन करते हैं।

 
तेल को लेकर कर रहे भ्रामक प्रचार
रिपोर्ट के अनुसार, केश कांति के विज्ञापन में दावा किया गया है कि खनिज तेल के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, जो गलत और भ्रामक है।  वहीं, उसके कच्ची घानी सरसों तेल के प्रचार में कहा गया है कि उसकी कच्ची घानी प्रक्रिया के अलावा अधिकांश रिफाइन खाद्य एवं सरसों तेलों में न्यूरोटॉक्सिन हेक्साजोन का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ग्राहकों के स्वास्थ्य को नजरअंदाज करते हुये लाभ कमाने के लिए कई कंपनियाँ सरसों तेल में सस्ते पाम ऑयल मिलाती हैं। उसका यह दावा दूसरी कंपनियों को नीचा दिखाने का प्रयास है।
 
डिश वॉश के आयुर्वेदिक होने का दावा सही नहीं
पतंजलि के हर्बल वॉशिंग पाउडर, टिकिया एवं बर्तन धोनेवाले साबुन के गुजराती विज्ञापन के अंग्रेजी संस्करण में‘लाखो गृहणियों की पसंद पतंजलि डिशवॉश बार का दावा सही नहीं है। वहीं, इनमें इस्तेमाल होने वाले घटक के आयुर्वेदिक होने का दावा भी गलत है। दूसरी कंपनियों के ऐसे उत्पादों में केमिकल का प्रयोग किये जाने की बात भी भ्रामक है।
 
इन कंपनियों के भी दावे झूठे, लताड़ा
एएससीआई ने कहा कि मार्च में उसे 156 शिकायते मिलीं, जिनमें 90 विज्ञापन भ्रामक पाए गए। इनमें 30 शिक्षा क्षेत्र की कंपनियों, 30 स्वास्थ्य, 10 खाद्य एवं बिवरेजिज और 18 अन्य कंपनियों से जुड़े हैं। उसने अमृतांजन हेल्थकेयर लिमिटेड के बाम के विज्ञापन में उसे देश का नंबर वन बाम कहने, बजाज के आल्मंड ऑयल, हिंदुस्तान यूनिलीवर के क्लीनिक प्लस शैपू, जॉन्सन एंड जॉन्सन के बेनाड्रिल कफ सिरप, आईटीसी का आशीर्वाद मल्टीग्रेन आटा, मणिपाल विश्वविद्यालय, जयपुर और महेंद्रा एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड को भी उनके भ्रामक विज्ञापन के लिए लताड़ लगाई है।
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