Watch Video: अमरीकी वैज्ञानिकों ने उठाया 'रामसेतु' के रहस्य से पर्दा
punjabkesari.in Wednesday, Dec 13, 2017 - 08:37 PM (IST)
वॉशिंगटनः अमरीकी वैज्ञानिकों ने 'रामसेतु' के रहस्य से पर्दा उठाते एनसिएंट लैंड ब्रिज नाम के एक प्रोमो में दावा किया है कि भारत और श्रीलंका के बीच एक सेतु बना होने के प्रमाण मिले हैं। वैज्ञानिकों ने ये भी दावा किया है कि ये सेतु मानव निर्मित है। इस पर वैज्ञानिकों ने एक प्रोग्राम भी बनाया है जो बुधवार की शाम साढ़े 7 बजे डिस्कवरी कम्युनिशेन के साइंस चैनल पर अमरीका में दिखाया जाएगा।
The ancient megalopolis of Angkor, King Aruthor's tomb, a fabled manmade land bridge connecting India and Sri Lanka... An all new episode of #WhatOnEarth starts now. pic.twitter.com/5SIeJ47JeN
— Science Channel (@ScienceChannel) December 13, 2017
अमरीकी भू-वैज्ञानिकों के अनुसंधान के मुताबिक रामेश्वरम के पम्बन द्वीप से श्रीलंका के मन्नार द्वीप के बीच 50 किलोमीटर लंबी श्रृंखला मानव निर्मित है। राम सेतु को एडम्स ब्रिज भी कहा जाता है। इंस चैनल पर चल रहे इस प्रोमो को 24 घंटे के अंदर 11 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी ने इस वीडियो पर ट्वीट करते हुए 'जय श्री राम' भी लिखा है। स्मृति इरानी के रीट्विट के बाद ट्विटर पर भी हलचल मची। लोगों ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया पर सवाल उठाने लगे हैं। संदीप सिंह नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा - जय श्री राम... लेकिन ASI क्या कर रहा है? यह बात तो दुनिया को हमारे जरिए पता चलनी चाहिए थी न कि कोई साइंस चैनल हमें बताता। इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टॉरिकल रिसर्च ने मार्च में घोषणा की थी कि वह समुद्र के भीतर अध्ययन के जरिए इस रहस्य को सुलझाएगा। नवंबर में इसे रिपोर्ट देनी थी लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह काम अभी शुरू ही नहीं हुआ है।
जय श्री राम 🙏🙏🙏🙏 https://t.co/M85KFnyZIY
— Smriti Z Irani (@smritiirani) December 11, 2017
साइंस चैनल के ट्रेलर के मुताबिक इंडियाना यूनिवर्सिटी नॉर्थवेस्ट, यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर और सदर्न ऑरेगान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया है कि राम सेतु मानव निर्मित है। प्रोमो में एक वक्ता को यह कहते हुए सुना जा सकता है - सैंड बार प्राकृतिक हो सकते हैं लेकिन उनके ऊपर रखे पत्थरों को कहीं दूर से लाकर किसी ने रखा है। ये चट्टानें 7000 साल पुरानी हैं, जबकि सैंड बार केवल 4000 साल पुराने। इस समय को ही रामायण काल माना जाता है। ये अजीब है कि बालू के ऊपर रखी चट्टानें बालू से ज्यादा पुरानी हैं, जिसकी वजह से इस रिसर्च में ट्विस्ट आ गया है।