टीपू का इतिहास पढ़े बिना ही मा. राष्ट्रपति का उसे शहीद कहना सर्वथा अनुचित है- हिंदू संगठन

Friday, Oct 27, 2017 - 05:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 24 अक्तूबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने कर्नाटक विधानसभा को संबोधित करते हुए टिपू सुल्तान को शहीद बताया था। राष्ट्रपति के इस बयान पर हिंदू जन जागृति संस्थान ने गहरी आपत्ति दर्ज कराई है। अपने वेब साइट पर प्रसिद्धीपत्रक जारी कर संस्थान के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने राष्ट्रपति द्वारा टीपू सुल्तान को महिमा मंडन करने पर विरोध किया है। इस प्रसिद्धीपत्रक में कहा गया है कि वास्तव में राष्ट्रपति का वक्तव्य, राष्ट्र का मत होता है। इसलिए अधिक जिम्मेदार और तथ्यपरक वक्तव्य करना, राष्ट्रपति का दायित्व है। टीपू का हिन्दूद्वेषी और रक्तरंजित इतिहास पढ़े बिना ही मा. राष्ट्रपति का उसे शहीद कहना, सर्वथा अनुचित है।


टीपू को बताया बलात्कारी और हत्यारा
इस पत्रक में टीपू को लाखों हिन्दुओं की नृशंस हत्या करने वाला तथा सहस्त्रों स्त्रियों पर बलात्कार करने वाला बताया गया है। टीपू सुलतान अंग्रेजों से लडऩे वाला स्वतंत्रता सेनानी अथवा शहीद नहीं था। वह एक अत्यंत क्रूर तथा हिन्दूविरोधी था। हिन्दू राजाओं से छीनकर हासिल किया मैसूर का राज्य मुक्त करने हेतु उसने अंग्रेजों से युद्ध किया था। ऐसी स्थिति में टीपू को ‘शहीद’ कहना कैसे उचित है? यदि वह शहीद और स्वतंत्रता सेनानी था, तो बाबर, औरंगजेब, अफजलखान, महमूद गजनी जैसे आक्रमणकारी कौन थे ? अथवा वे भी स्वतंत्रता सेनानी थे? मुसलमान वोटबैंकके लालच में झूठा और कपोलकल्पित इतिहास प्रस्तुत कर टीपू का महिमामंडन करने का षड्यंत्र कर्नाटक की कांग्रेस सरकार रच रही है। राष्ट्रपति के केंद्रीय सलाहकार मंत्री परिषद को उन्हें सूचित करना चाहिए था।

हिंदूओं को मुसलमान बनाने का आरोप
यह भी लिखा गया है कि वस्तुत: टीपू सुलतान ने दक्षिण की सत्ता मिलते ही ‘सब काफिरों को (हिन्दुओं को) मुसलमान बनाऊंगा’, ऐसी प्रतिज्ञा भरी सभा में की थी। उसने गांव-गांव के मुसलमानों को लिखित सूचना भेजी, ‘सभी हिन्दू स्त्री-पुरुषों को इस्लाम की दीक्षा दो। स्वेच्छा से धर्मांतरण न करने वाले हिन्दुओं को बलपूर्वक मुसलमान बनाओ अथवा हिन्दू पुरुषों की हत्या करो और उनकी स्त्रियों को मुसलमानों में बांट दो।’

कर्नाटक में खेला धर्मांतरण का खेल
टीपू ने मालाबार भाग के एक लाख हिन्दुओं का धर्मांतरण किया। कर्नाटक यात्रा में उसने एक दिन में 50 सहस्त्र हिन्दुओं का धर्मांतरण किया। उसने हिन्दुओं के धर्मांतरण हेतु कुछ कट्टर मुसलमानों की विशेष टोली बनाई थी। इस्लाम का आक्रामक प्रचार करने के कारण उसे ‘सुलतान’, ‘गाजी’, ‘इस्लाम का कर्मवीर’ इत्यादि उपाधियां देश-विदेश के मुसलमान एवं तुर्किस्तान के खलीफाओं से मिली थी। यह क्रूरतापूर्ण इतिहास राष्ट्रपति महोदय पढ़ेंगे, ऐसी हिन्दू समाज की आशा है!

बीजेपी नेता ने दिया था विवादित बयान                                                                                                                                                                                                                  बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनंतकुमार हेगड़े ने पिछले दिनों टीपू सुल्तान को 'बलात्कारी' और 'क्रूर हत्यारा' करार दिया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ऐसे व्यक्ति का जन्मदिन मनाना शर्मनाक है जो क्रूर हत्यारा रहा है और जिसने बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ बलात्कार किया। उन्होंने राज्य सरकार से कहा कि टीपू जयंती के कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों की सूची से उनका नाम हटा दे। कर्नाटक में पिछले दो साल से टीपू जयंती मनाई जा रही है। बीजेपी ने राष्ट्रपति के भाषण को लेकर आरोप लगाया था कि उसमें बदलाव किए गए थे। हालांकि बाद में यह स्पष्ट हुआ कि राष्ट्रपति ने स्क्रिप्टेड भाषण नहीं पढ़ा था और कई बातें अपने मन से जोड़ी थीं। 

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