मीडिया के सामने आंसू बहाने वाले टिकैत खुद पर नहीं रख पाए काबू, एक शख्स को मारा थप्पड़ video viral
Friday, Jan 29, 2021 - 11:08 AM (IST)
नेशनल डेस्क: गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च के नाम पर दिल्ली में हिंसा करने के बाद देश भर में किसानों के खिलाफ गुस्सा है। गुरुवार को कुछ किसानों ने पीछे हटने का ऐलान किया लेकिन तभी किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया के सामने आंसू बहाकर लोगों के साथ इमोशनल कार्ड खेल दिया। वहीं राकेश टिकैत का दूसरा चेहरा भी सामने आया है। दरअसल गुरुवार शाम को पत्रकारों से बातचीत के दौरान वहां मौजूद एक व्यक्ति को राकेश टिकैत ने चांटा मार दिया।
इस दौरान राकेश टिकैत ने उसे पकड़ लिया और बार-बार पूछते नजर आए कि तू कौन है। टिकैत ने उस शख्स को गिरेबां से पकड़ कर खींचा और थप्पड़ मार दिया। इसके बाद वहां मौजूद अन्य लोगों ने टिकैत को पीछे हटाया और शख्स को उनके हाथ से छुड़ाया। वहीं वहां मौजूद लोगों ने कहा कि यह भाजपा का कार्यकर्त्ता है इसलिए इसे पकड़ा।
#WATCH: Bharatiya Kisan Union spokesperson Rakesh Tikait slaps a person at Ghazipur border (Delhi-Uttar Pradesh). pic.twitter.com/fhRSbdlhgY
— ANI (@ANI) January 28, 2021
टिकैत ने दी यह सफाई
युवक को थप्पड़ मारने पर टिकैत ने कहा कि वो हमारे संगठन का नहीं था। उसके हाथ में डंडा था औऱ कुछ भी कर सकता था इसलिए उससे पूछताछ की गई। टिकैत ने कहा कि व्यक्ति मीडिया के साथ भी बदतमीजी कर रहा था।
बता दें कि गणतंत्र दिवस पर शहर में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में किसान नेताओं के खिलाफ गुरुवार को ‘लुक आउट' नोटिस जारी किया और यूएपीए के तहत एक मामला दर्ज किया। इसके साथ ही अपनी जांच तेज करते हुए पुलिस ने लाल किले पर हुई हिंसा के संबंध में राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया है। वहीं प्रदर्शन स्थल पर शाम में कई बार बिजली कटौती देखी गई जहां राकेश टिकैत के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के सदस्य 28 नवंबर से डटे हुए हैं।
बीकेयू के प्रवक्ता टिकैत अपनी मांग पर अड़े रहे और उन्होंने कहा, ‘‘मैं आत्महत्या कर लूंगा लेकिन जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता तब तक आंदोलन समाप्त नहीं करूंगा।'' अपनी जान को खतरा होने का दावा करते हुए उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदर्शन स्थल पर सशस्त्र गुंडों को भेजा गया था। टिकैत ने कहा, ‘‘गाजीपुर की सीमा पर कोई हिंसा नहीं हुई है लेकिन इसके बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार दमन की नीति का सहारा ले रही है। यह उत्तर प्रदेश सरकार का चेहरा है।