लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हुआ GST बिल

Thursday, Apr 06, 2017 - 07:14 PM (IST)

नई दिल्लीः संसद ने देश में एेतिहासिक कर सुधार व्यवस्था ‘जीएसटी’ को लागू करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए आज वस्तु एवं सेवा कर से जुड़े 4 विधेयकों को मंजूरी दे दी। साथ ही सरकार ने आश्वस्त किया कि नई कर प्रणाली में उपभोक्ताआें और राज्यों के हितों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाएगा तथा कृषि पर कर नहीं लगाया जाएगा। राज्यसभा ने आज केंद्रीय माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (सी जीएसटी विधेयक), एकीकृत माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (आई जीएसटी विधेयक), संघ राज्य क्षेत्र माल एवं सेवाकर विधेयक 2017(यूटी जीएसटी विधेयक) और माल एवं सेवाकर(राज्यों को प्रतिकर) विधेयक 2017 को सम्मिलित चर्चा के बाद लोकसभा को ध्वनिमत से लौटा दिया। 

विपक्ष के संशोधन खारिज 
इन विधेयकों पर लाए गए विपक्ष के संशोधनों को उच्च सदन ने खारिज कर दिया। धन विधेयक होने के कारण इन चारों विधेयकों पर राज्यसभा में केवल चर्चा करने का अधिकार था। लोकसभा 29 मार्च को इन विधेयकों को मंजूरी दे चुकी है।   वस्तु एवं सेवा कर संबंधी विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने विपक्ष की इन आशंकाआें को निर्मूल बताया कि इन विधेयकों के जरिए कराधान के मामले में संसद के अधिकारों के साथ समझौता किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि इसी संसद ने संविधान में संशोधन कर जीएसटी परिषद को करों की दर की सिफारिश करने का अधिकार दिया है।   

पूरे देश में लगेगा एक समान कर
दरअसल, सरकार ने 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने का लक्ष्य रखा है। जीएसटी लागू हो जाने पर केंद्र और राज्य स्तर के कई कर के साथ सेस और सरचार्ज मिलकर एक हो जाएंगे। जैसे केंद्र की ओर से लगने वाले प्रमुख अप्रत्यक्ष करों, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, विशेष उत्पाद शुल्क और सेवा कर मिलकर एक हो जाएंगे, वहीं राज्यों की ओर से लगाए जाने वाले प्रमुख अप्रत्यक्ष करों जैसे वैट, विलासिता कर, मनोरंजन कर (स्थानीय निकायो को छोड़) और चुंगी मिलकर एक हो जाएंगे। नई व्यवस्था लागू होने के बाद सबसे बड़ा लाभ ये होगा कि एक सामान पर पूरे देश में एक ही कर होगा।

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