2000 रुपए दिखाते हुए बोले आनंद शर्मा, चूरन की पुड़िया में निकलता था ऐसा नोट

Wednesday, Nov 16, 2016 - 02:57 PM (IST)

नई दिल्ली: नोटबंदी के मुद्दे पर आज राज्यसभा में काफी हंगामा हुआ। इससे एक बात तो साफ हो गई कि राजनीतिक पार्टियां सरकार से किसी भी तरह से समझौते के मूड में नजर नहीं आ रही हैं। वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व मंत्री आनंद शर्मा ने सरकार पर देश के अपमान का आरोप लगाया। आनंद शर्मा ने कहा कि देश में 86 फीसदी करेंसी 500-1000 रुपए के नोटों के रूप में है और सिर्फ एक घोषणा करके इसे खत्म कर दिया गया। क्या यह काला धन है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से मजदूर बेकार हो गए हैं। उन्होंने पूछा कि क्या किसान मंडी में कालाधन लेकर जाता है, वह धोती में कार्ड लेकर नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी अर्थव्यवस्था कैशलेस नहीं चल सकती। उन्होंने कहा कि अगर कैशलेस अर्थव्यवस्था चल सकती तो अमेरिका में डॉलर और यूरोप में यूरो नहीं छपते।

चूरन की पुड़िया में निकलता था ऐसा नोट
आनंद शर्मा ने कहा कि 2000 का नया नोट रंग छोड़ता है। बचपन में चूरन की पुड़िया में ऐसा नोट मिलता था। नोटबंदी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा यूनियनों को फैसला लीक किया गया। बैंक से कैश निकासी पर रोक क्यों है? नोटबंदी से बेटियों की शादियां तक रुकी हैं। गरीब की लाश अस्पतालों में फंसी है। भाजपा ने घाव दिए और घाव पर नमक भी लगाया। मजदूर, किसान नोटबंदी से बेकार हुए, क्या मोदी की गाजीपुर की रैली का भुगतान क्रेडिट कार्ड से हुआ? SBI को मार्च से नोट बंद होने की जानकारी थी। आनंद सर्मा ने एक साथ मोदी सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए।

उन्होंने कहा कि सरकार ने एक ही झटके में सभी को अपराधी बना दिया। विदेशी पर्यटकों के नोट नहीं बदले इससे दुनिया के तमाम देशों ने अपने नागरिकों को एडवाइजरी जारी कर दी कि भारत मत जाना वहां कालाबाजारी करने वाले रहते हैं और वहां की अर्थव्यवस्था कालेधन पर चलती है। आपके इस कृत्य से देश बदनाम हुआ है। आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गोवा रैली की बात करते हुए कहा कि वे कैश के लिए लाइनों में खड़े लोगों का मजाक उड़ाने के लिए उनकी पीएम की आलोचना करते हैं और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।

नहीं चल रहा 2000 का नोट
सीताराम येचुरी ने राज्यसभा में 2000 का नया नोट दिखाते हुए कहा कि इस नोट को कोई नहीं ले रहा है। वहीं रामगोपाल यादव ने कहा कि इसमें बड़ा घपला है। कोई भी अमीर लाइन में नहीं दिख रहा है। छोटे शहरों में कोई भी 2000 का नोट नहीं ले रहा है। ऐसा तो आपातकाल के दौरान भी नहीं हुआ, आम आदमी भिखारी बन गया है।

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