ट्रिपल तलाक पर बोले अमित शाह, वोट बैंक के लिए राजीव सरकार ने पलटा था सुप्रीम कोर्ट का फैसला

Sunday, Aug 18, 2019 - 07:36 PM (IST)

नेशनल डेस्कः केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को दिल्ली में तीन तलाक पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वोट बैंक के लिए तीन तलाक का विरोध किया गया। शाह ने कहा कि ट्रिपल तलाक बिल पास होने से मुस्लिम महिलाओं को हक मिला है। तीन तलाक बिल का तुष्टिकरण के लिए विरोध हुआ। शाह ने आगे कहा कि कुछ पार्टियों को वोट बैंक की चिंता थी, इसलिए उन्होंने इसका विरोध किया। कुछ दलों ने संसद में बिल का विरोध किया, लेकिन वो जानते थे कि यह एक अन्याय है, जिसे समाप्त करने की आवश्यकता है। फिर भी उनके पास करने का ऐसा साहस नहीं था।

गृह मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 23 अप्रैल 1985 को सुप्रीम कोर्ट ने शाह बानो के पक्ष में आदेश दिया था, अदालत ने तीन तलाक को समाप्त करते हुए कहा था कि पत्नी को खर्चा देना अनिवार्य है और तलाक के लिए एक कारण दिया जाना चाहिए। लेकिन, राजीव गांधी ने रूढ़िवादी मुसलमानों के दबाव में और वोट बैंक के लिए अदालत के फैसले को पलट दिया था।

अमित शाह ने कहा, “आज भी कांग्रेस को कोई शर्म नहीं है, वो कहते हैं कि वो तीन तलाक के पक्ष में हैं और इसे बना रहना चाहिए। क्यों? उनके पास कोई जवाब नहीं है। उन्होंने अपने स्टैंड के लिए एक भी औचित्य नहीं दिया और केवल विरोध दर्ज करने के लिए तर्क दिया ताकि उनका वोट बैंक बरकरार रहे। शाह ने आगे कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि तीन तलाक बिल केवल मुस्लिम समुदाय के हित के लिए है और किसी और चीज के लिए नहीं। हिंदू, ईसाई और जैन को इससे लाभ नहीं मिलने जा रहा है क्योंकि उन्हें इसका खामियाजा कभी नहीं भुगतना पड़ा।

गृहमंत्री ने आगे कहा, वोट बैंक की राजनीति ने राष्ट्र को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाया है। तीन तालक एक ऐसा उदाहरण है, वोट बैंक की राजनीति के लिए इस बुरी प्रथा को इतने सालों तक चलने दिया गया। इससे पहले उन्होंने कहा कि तीन तलाक पर मैंने अनेक फोरम पर बात रखी, संसद में भी बिल के पक्ष में अपनी बात रखी। लेकिन आज मैं तीन तलाक कानून पर अपनी बात रखूंगा।

Yaspal

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