Election Diary: शाह बानो मामले में राजीव के फैसले से कांग्रेस को नुक्सान

Wednesday, Apr 24, 2019 - 10:45 AM (IST)

इलैक्शन डैस्क (नरेश कुमार): पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को देश में कम्प्यूटर क्रांति के जनक के तौर पर जाना जाता है लेकिन बतौर प्रधानमंत्री उनसे भी ऐसी चूक हुई जिसका लंबी अवधि में कांग्रेस को राजनीतिक खामियाजा भुगतना पड़ा। यह मामला बेगम शाह बानो से जुड़ा हुआ है। इस महिला का अपने पति के साथ तलाक हो गया था और 60 वर्ष की उम्र में 5 बच्चों के साथ अलग हुई शाह बानो के पास कमाई का कोई जरिया नहीं था। 



लिहाजा शाह बानो ने सीआर.पी.सी. की धारा 125 के तहत अपने पति से भरण-पोषण भत्ता देने की मांग की और न्यायालय ने फैसला शाह बानो के पक्ष में भी सुना दिया। शाह बानो के पति ने निचली अदालत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और सुप्रीम कोर्ट में भी फैसला शाह बानो के पक्ष में आया। इस बीच देश भर में अदालत के इस फैसले का विरोध होना शुरू हो गया। उस वक्त राजीव गांधी की सरकार ने मुस्लिम धर्म गुरुओं के दबाव में आकर मुस्लिम महिला अधिनियम 1986 पारित किया। इसके तहत सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पलट दिया गया।



शाह बानो यह केस जीतकर भी अपना वह हक नहीं पा सकी जिसकी वजह से वह लड़ाई लड़ रही थी। कांग्रेस को बाद में इसके गंभीर राजनीतिक परिणाम भुगतने पड़े और हि्ंदूवादी संगठनों ने इसे एक राजनीतिक मुद्दा बना लिया। इस फैसले के बाद ही देश में ध्रुवीकरण की राजनीति शुरू हुई और भाजपा ने इसका बड़ा फायदा उठाया और 1996 में सरकार बनाने तक में सफल रही।     

Anil dev

Advertising