इस दूल्हे की एक जिद के अागे टूटी सालाें पुरानी परंपरा

Tuesday, Apr 25, 2017 - 11:35 AM (IST)

जयपुर: एक युवक की जिद के आगे सथूर पंचायत के ढाकणी गांव में सालों से चली आ रही परंपरा टूट गई। गांव में पहली बार पुलिस सुरक्षा में दलित दूल्हे की बिदौरी घोड़ी पर निकाली गई। शादी वाले परिवार के महिला-पुरुष डी.जे. पर जमकर नाचे। रैगर और जागा मोहल्ले में बिदौरी और दूल्हे का स्वागत किया गया। महिलाओं ने बताशे बांटे और दूल्हे की पशी भी भरी। खास बात यह रही कि इस दौरान विरोध कर रहे ग्रामीण पूरे समय शांत रहे। गांव के जिस इलाके में विरोध की आशंका हो सकती थी, उधर से बिदौरी नहीं ले जाई गई। 

पुलिस से मांगी मदद 
उल्लेखनीय है कि इस गांव में दलित न घोड़ी चढ़कर तोरण मार सकते, न ही बिदौरी निकाल सकते थे। दलित साइकिल-मोटरसाइकिल पर बैठकर शादी की रस्में अदा करते रहे हैं। दलित युवक कमलेश रैगर ने जिद ठान ली कि घोड़ी पर चढ़कर गांव में बिदौरी निकलेगी तभी वह शादी करेगा। इस पर दलित व दूल्हे के परिजनों ने एस.पी. से मिलकर पुलिस मदद मांगी थी।

चौपाल में तय हुआ मार्ग
बिदौरी से पहले शनिवार रात 10 बजे गांव वालों ने चौपाल में बैठक की। इसमें शादी वाले परिवार को बुलाया गया। गांव वालों का कहना था कि पुलिस में जाने की बजाय दलित परिवार सहमति बनाने का प्रयास करता तो अच्छा होता। दलित दूल्हे के परिवार की ओर से कहा गया कि वे कोई विवाद नहीं करना चाहते। वे केवल इस गलत परंपरा और ऊंच-नीच तथा भेदभाव को खत्म करना चाहते हैं। बैठक में तय हुआ कि कुछ चिन्हित रास्तों से ही बिदौरी निकाली जाए। ग्रामीणों द्वारा विरोध करने की आशंका के चलते रविवार सुबह 6 बजे सी.आई. अजीत मेघवंशी जाब्ते के साथ गांव पहुंच गए। 6:30 बजे घोड़ी पर दूल्हा बैठा और डी.जे. पर डांस करते हुए बिदौरी रवाना हुई।

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