राजस्‍थान चुनाव: कांग्रेस और BJP के बीच फंसे मुस्लिम; बोले- एक तरफ कुआं, दूसरी ओर खाईं

Sunday, Dec 02, 2018 - 02:32 PM (IST)

जयपुरः राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए सात दिसंबर को मतदान होगा लेकिन उससे पहले राज्य में सियासी पारा काफी गरमाया हुआ है। जहां एक तरफ कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की चक्कर चल रही है वहीं राज्य के मुस्लिम समुदाय अधर में फंसे हैं कि वो किसको वोट दें। मुस्लिम समुदाय के लोग इस बार चुनावों को लेकर खासे उत्साहित नहीं हैं क्योंकि उनके लिए तो एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई वाली स्थिति बनी हुई है। मुस्लिमों का कहना है कि अब राज्य में पहले वाले हालात नहीं रहे। राजस्थान के अलवर में गोतस्करी के आरोप में पहलू खान नाम के व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी जिसकी देशभर में चर्चा हुई थी। पहलू की हत्या को लेकर राज्य के मुस्लिम समुदायों में खासी नाराजगी है।

उनका कहना है कि पहले हिंदूओं और मुस्लिमों के बीच यहां दोस्ताना व्यवहार था हर बात पर खुलकर चर्चा होती थी लेकिन अब कुछ कहने से पहले काफी सोचना पड़ता है। सोशल मीडिया पर घृणा संदेश बढ़ने से एक डर सा बन गया है। राज्य के एक मुस्लिम युवक ने कहा कि वह पहले झुनझुनु से ले जाकर गायों और बछड़ों को दिल्ली के गाजीपुर में बेचता था लेकिन अब डर लगता है कि कहीं गोतस्करी के आरोप में भीड़ उस पर भी हमला न कर दे। युवक ने कहा कि हमारा काम शहर में जाकर गाय और बछड़े बेचना था लेकिन अब वो व्यापार हिंसा के डर के कारण बंद करना पड़ गया। वहीं कई मुस्लिमों का कहना है कि हिंसा के दौरान पुलिस भी भीड़ को नहीं रोकती और न ही संतुष्टीजनक कार्रवाई करती है।

मुस्लिम समुदाय के लोगों के कहना कि उन्हें कांग्रेस से भी खासी कुछ उम्मीदें नहीं हैं कि वे हमारे समाज के लिए कुछ करेंगे। दरअसल कांग्रेस भी कट्टर हिंदुत्व और सॉफ्ट हिंदुत्व के बीच फंस गई है इसलिए मुस्लिमों के लिए यह भी चिंता का एक कारण बन गया है। मुस्लिमों का कहना है कि काग्रेस संवेदनशील मुद्दों पर बात नहीं करती और न ही बिजली-सड़क-पानी जैसे बुनियादी मुद्दों पर चर्चा करती है। इसलिए कांग्रेस को लेकर वे पशोपश में हैं।

वहीं इन दिनों भाजपा के सहयोगी दल-बजरंग दल और शिवसेना पहले से ज्यादा उग्र हो गए हैं, पहले राज्य में आरएसएस के लोग ज्यादा दिखाई नहीं देते थे लेकिन अब तो उनकी भी तादाद यहां बढ़ गई है। हर जगह गोरक्षक दल बन गए हैं और वे लोग एक डर के साथ जी रहे हैं। मुस्लिम समाज के लोगों का कहना है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से थोड़ी बहुत उम्मीद थी लेकिन वे भी ज्यादातर तो विदेश दौरे पर रहते हैं और हमारी सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कार्रवाई पर बात नहीं करते इसलिए वे इस ऊहापोह में हैं कि आखिर वे किसको वोट दें।

Seema Sharma

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