इस स्कूल में हर मौत के बाद दी जाती है 3 दिन की छुट्टी, जाने क्यों

Thursday, Sep 01, 2016 - 11:00 AM (IST)

अलवर: राजस्थान के अलवर जिले के एक सरकारी हायर सैकेंडरी स्कूल में हर मौत के बाद बच्चों को 3 दिनों की छुट्टी दी जाती है। इसकी वजह है कि स्कूल एक श्मशानघाट पर स्थित है। जब भी वहां किसी मृतक का अंतिम संस्कार किया जाता है, उसके बाद स्कूल में पढऩे वाले 180 बच्चों को छुट्टी दे दी जाती है। गांधी सवाईराम गांव के आदर्श स्कूल में दशकों से ऐसा होता आ रहा है।  

स्कूल को जबरन बंद करवाए जाने के खिलाफ प्रिंसीपल ने कई बार शिक्षा विभाग को स्कूल अन्यत्र शिफ्ट करने हेतु पत्र भी लिखा है ताकि बिना वजह की छुट्टी से बच्चों की पढ़ाई का नुक्सान न हो। श्मशानघाट गांव के राजपूत समुदाय का है और वर्षों से यह प्रथा चली आ रही है। 75 साल के प्रभु दयाल मीणा ने इसी स्कूल से पढ़ाई की है और वह याद करते हुए कहते हैं कि जिस वक्त मैं यहां पढ़ता था उस वक्त भी जबरदस्ती स्कूल को बंद करवाया जाता था। 

बच्चे 3 दिन की छुट्टी के कारण किसी के भी मरने पर खुश हो जाते हैं। मुझे आश्चर्य है कि वर्षों बाद जब इसी स्कूल में मेरा पोता पढ़ रहा है, यह नियम आज भी लागू है। आनंदी लाल बैरवा स्कूल की टीचर हैं, उनका भी मानना है कि स्कूल शिफ्ट किया जाए तो रिजल्ट और अच्छा हो सकता है। बैरवा कहती हैं, ‘‘मैंने इसी स्कूल से पढ़ाई  की है और आज यहां शिक्षक के तौर पर नौकरी कर रही हूं। हमारे स्कूल का रिजल्ट अच्छा रहता है। बच्चों के पेरैंट्स भी  खुश हैं।

अगर स्कूल को शिफ्ट किया जाए तो  और बेहतर परिणाम आ सकते हैं।’’ स्कूल की शुरूआत आजादी से पहले गुरुकुल के तौर पर हुई है। 1950 के दशक में स्कूल को प्राइमरी स्कूल के तौर पर और फिर 10 साल बाद हायर सैकेंडरी स्कूल के तौर पर मान्यता दी गई।
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