चेन्नई में फिर बारिश...अब तक 325 लोगों की मौत, बचाव अभियान जारी

Saturday, Dec 05, 2015 - 08:21 AM (IST)

चेन्नई: चेन्नई में गुरुवार और शुक्रवार सुबह से बारिश रुकने और जलस्तर के घटने से कुछ ही राहत मिली थी कि गत शाम एक बार फिर से जोरदार बारिश शुरू हो गई। चेन्नई के अलावा तमिलनाडु के बाढ़ प्रभावित तीन अन्य जिलों में भी बिजली नहीं है, खाने-पीने के समानों का अभाव बना हुआ। इस त्रासदी से अब तक 325 लोगों की जान जा चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। पानी हटने के बाद शवों के मिलने से इनकार नहीं किया जा सकता। हजारों सैनिक, सामाजिक कार्यकर्त्ता पानी के बीच फंसे लोगों को निकाल कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने और इनके बीच खाने-पीने का समान और कंबल बांटने में लगे हुए हैं।

चेन्नई से विश्वविद्यालय के 60 से अधिक छात्रों सहित 130 लोगों को और एक फ्रांसीसी जोड़े को रक्षा एवं एन.डी.आर.एफ. कर्मियों की एक समन्वित टीम ने सुरक्षित निकाल कर विमान से दिल्ली भेजा। मौसम ठीक होने की वजह से वायुसेना के दल ने राहत एवं बचाव कार्य के लिए कई चक्कर लगाए। बारिश के कारण छात्र अपने छात्रावासों की ऊपरी मंजिलों में शरण लिए हुए थे। गुरुवार को करीब 300 लोगों को बचा कर विमान से सुरक्षित भेजा गया इनमें से 120 को विमान से दिल्ली भेजा गया। शहर के अंदर मुख्य जलाशयों और नदियों में जलस्तर घटने से कुछ राहत हुई है लेकिन, शहर के कई इलाके अभी भी पानी में डूबे हुए हैं।

राज्य में बारिश से चेन्नई, कुड्डालोर, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बिजली न होने की वजह से एम.आई.ओ.टी. अस्पताल में 14 मरीजों की मौत हो गई है। अस्पताल के प्रबंधन निदेशक पृथ्वी मोहनदास ने बताया कि बिजली न होने की वजह से अस्पताल में उपकरण काम नहीं कर रहे हैं। अस्पताल का बिजली का बैक-अप सिस्टम भी खराब हो गया है।

बिजली की किल्लत जारी
बारिश का सिलसिला गुरुवार और शुक्रवार सुबह थमा. इस वजह से मायलापुर और टेनामपेट सहित कुछ जगहों पर कुछ दुकानें खुलीं। कुछ इलाकों में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी गई लेकिन अधिकांश हिस्सों में बिजली नहीं है। जिन इलाकों में जलस्तर कम हुआ है, वहां सार्वजनिक परिवहन सेवा कुछ हद तक बहाल हुई है। ऑटोरिक्शा भी चल रहे हैं लेकिन ऑटोरिक्शा चालकों द्वारा यात्रियों से अधिक किराया वसूलने की शिकायतें आ रही हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि चेन्नई के कई क्षेत्रों में अब भी जलभराव की स्थिति है और आवश्यक खाद्य पदार्थों की आपूर्ति में मुश्किल आ रही है। शुक्रवार शाम की तेज बारिश ने लोगों की चिंताएं फिर से बढ़ा दीं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि चेन्नई के कई इलाके अब भी जलमग्न हैं और ऐसी स्थिति में खाने-पीने की चीजें पहुंचने में परेशानी हो रही है। इस बीच, एनडीआरएफ ने बचाव अभियान और तेज कर दिया है। एनडीआरएफ ने अब तक 9000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। 1.64 लाख से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है लेकिन मूडीचूर और तांबरम जैसे अत्यधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग राहत सामग्री मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

महामारी का खतरा
तमिलनाडु में चेन्नई और तीन जिलों में कई दिनों की भयानक बारिश और बाढ़ के बाद अब महामारी का खतरा बढ़ गया है। हालांकि अब जल स्तर घट रहा है लेकिन महामारी फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने शुक्रवार को लोगों को महामारी के प्रति आवश्यक सावधानी बरतने का सुझाव दिया है। आपदा प्रंबधन टीम में शामिल चिकित्सक लोगों को उचित व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं।

सेना प्रमुख दलबीर सिंह ने शुक्रवार को चेन्नई का दौरा किया और बचाव-राहत कार्य की समीक्षा की। दक्षिण रेलवे ने चेन्नई बीच स्टेशन से तिरुनेलवेली, रामेश्वरम और हावड़ा के लिए विशेष रेल सेवाएं शुरू करने की घोषणा की है ताकि बड़ी संख्या में फंसे मुसाफिरों को भेजा जा सके। संचार व्यवस्था-लैंडलाइन और मोबाइल फोन की सेवाएं बाधित हैं।

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