लॉकडाउन में रेलवे ने चलाईं 222 स्पेशल श्रमिक ट्रेनें, ढाई लाख लोगों को पहुंचाया घर

Friday, May 08, 2020 - 06:23 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे 2.5 लाख से ज्यादा लोगों को भारतीय रेल ने 222 विशेष श्रमिक ट्रेनों से उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाया है। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलीला श्रीवास्तव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों के तहत ही लोगों को कुछ छूट देने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि ट्रेनों के ये फेरे इस दिशा में उठाये गये कदम हैं।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन की पटरियों पर शुक्रवार तड़के मालगाड़ी से कटकर 16 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो जाने के संबंध में सवाल करने पर उन्होंने कहा कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण'' घटना है। विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों की तकलीफों को कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें चरणबद्ध तरीके से वापस लाने की प्रक्रिया बृहस्पतिवार से ही शुरू हो गई है और उन्हें विशेष वाणिज्यिक उड़ानों तथा नौसेना के जहाजों की मदद से लाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण विदेशों में फंसे लोगों को भारत लाने और यहां फंसे लोगों को उनके देश भेजने संबंधी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को लागू करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समन्वय समिति गठित की गई है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय, सशस्त्र बलों और एअर इंडिया के अधिकारी शामिल हैं। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है।

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘(विदेशों में) फंसे सभी भारतीय अपने यहां के दूतावास/मिशन में पंजीकरण करा सकते हैं... विमान में सवार होने से पहले सभी यात्रियों की जांच की जाएगी और सिर्फ उन्हीं को अनुमति दी जाएगी, जिनमें कोरोना वायरस संक्रमण के कोई लक्षण नहीं होंगे।'' उन्होंने बताया कि उन्हें एक शपथपत्र देना होगा कि वे वापसी के बाद 14 दिन तक अपने खर्च पर निर्दिष्ट पृथक-वास में रहेंगे। श्रीवास्तव ने बताया कि वापस आने के इच्छुक सभी लोगों को आरोग्य सेतु ऐप पर पंजीकरण कराना होगा और लौटने पर अनिवार्य रूप से उन सभी की कोविड-19 संक्रमण की जांच की जाएगी।

Yaspal

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