RTI की रिपोर्ट में खुलासा- वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायत खत्म होने के बाद रेलवे ने कमाए 5,800 करोड़ रुपये

Tuesday, Apr 02, 2024 - 12:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय रेलवे द्वारा सीनियर सिटीज़न को दी जाने वाली रियायतों से 5800 करोड़ रुपए कमाए हैं। रेल मंत्रालय ने 20 मार्च, 2020 को कोविड-19 महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन किराये में दी जाने वाली छूट वापस ले ली थी।

कोविड के समय रेलवे द्वारा महिला पेसेंजर को ट्रेन किराए में 50% और पुरुष एवं ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों को 40 % की छूट दे  रही थी। इस छूट के हटने के बाद से बुज़ुर्ग नागरिकों को अन्य यात्रियों के समान ही किराया देना होता है। रेलवे नार्म्स के अनुसार, 60 साल और उससे अधिक उम्र के पुरुष एवं ट्रांसजेंडर और 58 साल एवं उससे अधिक उम्र की महिलाएं बुज़ुर्ग नागरिकों की लिस्ट में आती हैं। इसके बारे में एमपी के निवासी चंद्र शेखर ने आरटीआई से यह जानकारी निकाली है कि 20 मार्च, 2020 से 31 जनवरी, 2024 तक रेलवे ने इस मद में 5,875 करोड़ से अधिक का अतिरिक्त राजस्व कमाया है।

गौड़ ने कहा, “मैंने आरटीआई अधिनियम के तहत तीन आवेदन दायर किए. पहले आवेदन में, रेलवे ने मुझे 20 मार्च, 2020 से 31 मार्च, 2022 तक का अतिरिक्त राजस्व आंकड़ा मुहैया कराया. दूसरे आवेदन में एक अप्रैल, 2022 से 31 मार्च, 2023 तक का आंकड़ा सामने आया. वहीं फरवरी, 2024 में दाखिल तीसरे आवेदन से मुझे एक अप्रैल, 2023 से 31 जनवरी, 2024 तक का ब्योरा मिला.”

गौड़ ने कहा, ‘‘महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत और पुरुष एवं ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिक यात्रियों के लिए पहले लागू 40 प्रतिशत रियायत की गणना करने पर यह राशि 5,875 करोड़ से अधिक बैठती है।'' बुज़ुर्गों को ट्रेन के किराए में मिलने वाले छूट को बहाल किए जाने के बाद दोनों सांसदों समेत विभिन्न मंचों पर उठाए जा चुके हैं।

Radhika

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