रेलवे वर्कशॉप के वर्कर क्वार्टर बन रहे खंडहर, डिवीजन कर्मी बाहर किराए पर रहने को मजबूर

Monday, Dec 12, 2016 - 11:12 AM (IST)

कालका/पिंजौर(रावत/तरसेम) : कालका स्थित 119 वर्ष पुरानी रेलवे वर्कशॉप के कर्मचारियों के लिए वर्कशॉप कालोनी में बने हुए कई वर्कर क्वार्टर गत कई महीनों से खाली पड़े होने के कारण धीरे-धीरे खंडहर में तबदील होते जा रहे हैं, जबकि ओपन लाइन डिविजन स्टॉफ के लिए क्वार्टर कम होने के कारण दर्जनों कर्मी बाहर किराए के मकानों में रहने को मजबूर हैं। वर्कशॉप के अधीन टाइप-1, टाइप-2 और टाइप-3 के लगभग 2 दर्जन क्वार्टर खाली हैं जिनमें किसी के न रहने के कारण इनमें समयबद्ध मरम्मत आदि भी नहीं हो पाई है। छतों पर रखी पानी की टंकियां, दरवाजे, खिड़कियां भी टूटने लगी हैं। 

 

रिटायरमैंट के बावजूद भी कर्मियों ने खाली नहीं किए क्वार्टर :
यही नहीं, कई क्वार्टर ऐसे भी हैं जिन्हे रिटायरमैंट के बावजूद कर्मियों ने खाली नहीं किए हैं। इसकी जानकारी सीनियर सैक्शन इंजीनियर को भी नहीं दी गई, जबकि नियमानुसार रिटायर्ड होने के 50 से 60 दिनों के भीतर क्वार्टर खाली करना जरूरी होता है। उत्तरी रेलवे मजदूर यूनियन कालका-शिमला ब्रांच सचिव एवं शताब्दी एक्सप्रैस के डिप्टी सुपरिंटैंडैंट अशोक कुमार ने बताया कि विभाग के कर्मी होने के बावजूद रेलवे विभाग वर्कशॉप के खाली क्वार्टरों में डिवीजन स्टाफ को क्वार्टर नहीं दे रहा है। इससे विभाग को खाली पड़े क्वार्टरों का किराया न आने के कारण प्रतिमाह हजारों रुपए का चूना भी लग रहा है, जबकि इस विषय में यूनियन ने डी.आर.एम. अम्बाला और जी.एम. दिल्ली को भी कई बार ज्ञापन दिए लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।

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