भारत से गई रेल का नेपाल में जबरदस्त स्वागत, देखने के लिए उमड़ी हजारों की भीड़
Friday, Sep 18, 2020 - 06:54 PM (IST)
नई दिल्लीः भारत सरकार के सहयोग से जब नेपाल में पहली रेल पहुंची तो जनकपुर स्टेशन पर लोगों का उत्साह देखते ही बना। हजारों की संख्या में लोग स्टेशन और आसपास के इलाके में घंटों से खड़े रहकर रेल का भव्य स्वागत किया। रेल के स्टेशन पर आते ही लोगों ने ताली और सीटी बजाकर स्वागत किया। हर कोई इस रेल के साथ सेल्फी लेता हुआ दिख रहा था।
नेपाल के लिए यह किसी सपने से कम नहीं था। भारत के सहयोग से आम नेपाली जनता का अपनी भूमि पर रेल चलने का सपना साकार हुआ। चीन नेपाल में रेल लाने की बात कह कर ठगता रहा है और भारत ने नेपाल में रेल की पटरी बिछाकर उस पर रेल चलाकर नेपाली जनता के वर्षों पुराने सपने को साकार कर दिया। इसके साथ ही अब नेपाल की सरजमीं पर रेल सेवा भी उपलब्ध हो गई है।
नेपाल भारत के बीच यह पहली रेल सेवा की शुरुआत हो गई है। जल्द ही अन्य सीमाओं से भी नेपाल तक रेल चलने की उम्मीद है क्योंकि उसका निर्माण कार्य जारी है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से काठमांडू को रेल लाइन से जोड़ने का वादा किया है और इसके लिए रक्सौल से काठमांडू तक के रेल निर्माण का प्रारम्भिक कार्य भी पूरा किया जा चुका है। जल्द ही दोनों देशों के बीच एक समझौता होने के बाद इस काम की शुरुआत हो जाएगी।
नेपाल और भारत के बीच में एक बार फिर से रेल सेवा की शुरुआत होने जा रही है। भारत सरकार के सहयोग से बना रेलवे लिंक बिहार के जयनगर से नेपाल के जनकपुरधाम तक चलने वाला है। बाद में इसे नेपाल के अन्य शहरों तक विस्तार किये जाने की योजना है। हालांकि यह रेल लाइन पिछले साल ही बन कर तैयार हो गया था लेकिन 9 महीनों तक दोनों देशों के बीच में राजनीतिक और कुटनीतिक संबंधों में एक ठहराव आ जाने के कारण इसमें देरी हुई। हालांकि कोरोना महामारी की वजह से भी इस रेल को नेपाल तक पहुचने में देरी हुई है, लेकिन अब जबकि दोनों देशों के बीच का कुटनीतिक संबंध जैसे ही पटरी पर आती दिख रही है तो वैसे ही दोनों देशों के बीच की रेल भी अब पटरी पर दौड़ने को तैयार है।
भारत सरकार के करीब 100 करोड़ रुपए लागत से 70 किलोमीटर का यह रेल लिंक जयनगर से नेपाल के बर्दिबास तक बनना है, जिसके पहले फेज में जनकपुर के कुर्था तक यह बनकर तैयार है। भारत के चेन्नई में रहे इंटिग्रेटेड रेल कोच फैक्ट्री में नेपाल और भारत के बीच चलने वाले इस रेल के इंजन और डिब्बों को बनाया गया है।
नेपाल ने 80 करोड़ रुपये की लागत में डीजल इलेक्ट्रिक मल्टिपल यूनिट (DEMU) ट्रेन खरीदा है जो कि मार्च से ही बनकर तैयार थी। पिछले 6 महीने से यह समस्तीपुर और हाजीपुर स्टेशनों पर रूका रहा, अब जबकि नेपाल में लॉकडाउन खुल गया है और दोनों देशों के बीच रिश्ते भी बेहतर हो रहे हैं तो अब यह रेल आज ही बिहार के जयनगर के रास्ते जनकपुर तक लायी गई है।