Rail Accident : वो 10 बड़े रेल हादसे जिनसे दहल उठा पूरा देश, सैकड़ों की गई जान
punjabkesari.in Tuesday, Jul 30, 2024 - 06:39 PM (IST)
नई दिल्ली। झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में मंगलवार तड़के मुंबई-हावड़ा मेल के कम से कम 18 डिब्बे पटरी से उतर जाने के कारण दो लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य लोग घायल हो गए। बीते कुछ सालों में भारतीय रेलवे ने कई गंभीर रेल हादसों का सामना किया है, जिनमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई और इन घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। आइए जानें देश में हुए 10 बड़े रेल हादसों के बारे में-
1. सहरसा पैसेंजर ट्रेन हादसा (6 जून 1981)
1981 में बिहार के सहरसा जिले में हुआ रेल हादसा भारतीय रेलवे के सबसे भीषण हादसों में से एक है। इस दुर्घटना में 800 से अधिक लोगों की जान गई। मानसी-सहरसा पैसेंजर ट्रेन पटरी से उतरकर राप्ती नदी में गिर गई। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, पुल के कमजोर ढांचे और अन्य तकनीकी समस्याओं के कारण यह हादसा हुआ। यह घटना भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्थाओं में एक महत्वपूर्ण सबक साबित हुई।
2. बालासोर रेल हादसा (2 जून 2023)
ओडिशा के बालासोर में 2 जून 2023 को हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। चेन्नई से हावड़ा जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। इस टक्कर के बाद, कोरोमंडल एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए और पास में गुजर रही यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए। इस भीषण हादसे में 296 लोगों की मृत्यु हुई और 1200 से अधिक लोग घायल हुए। हादसे की मुख्य वजह गलत सिग्नलिंग प्रणाली को बताया गया था।
3. इंदौर-पटना एक्सप्रेस रेल हादसा (20 नवंबर 2016)
2016 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में इंदौर-पटना एक्सप्रेस का एक बड़ा हादसा हुआ। ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए और आपस में टकरा गए, जिससे 146 लोगों की जान चली गई। इस दुर्घटना के पीछे तकनीकी गड़बड़ी की जांच की गई, जिससे भविष्य में सुरक्षा मानकों को और मजबूत करने की आवश्यकता स्पष्ट हुई।
4. ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस रेल हादसा (28 मई 2010)
बंगाल के झारग्राम में 28 मई 2010 को ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस का एक बड़ा हादसा हुआ, जब ट्रेन एक मालगाड़ी से टकरा गई। इस दुर्घटना में 146 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हुए। सरकारी जांच ने इसे माओवादी विद्रोहियों की साजिश माना, जिससे सुरक्षा और गश्ती व्यवस्था पर सवाल उठे।
5. राजधानी एक्सप्रेस हादसा (2002)
2002 में कलकत्ता से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे उफनती धाबी नदी में गिर गए। इस हादसे में कम से कम 120 लोगों की मौत हुई। नदी में जल स्तर बढ़ने के कारण पुल कमजोर हो गया था, जो इस घटना का प्रमुख कारण था। यह हादसा तत्कालीन इंफ्रास्ट्रक्चर की हालत को दर्शाता है।
6. मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाके (11 जुलाई 2006)
11 जुलाई 2006 को मुंबई के लोकल ट्रेनों में एक के बाद एक 7 बम धमाके हुए। इन धमाकों ने 186 लोगों की जान ली और 700 से अधिक लोग घायल हुए। यह हमला आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किया गया था। इस घटना ने सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी उपायों की गंभीरता को उजागर किया।
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7. अवध असम एक्सप्रेस और ब्रह्मपुत्र मेल की टक्कर (2 अगस्त 1999)
2 अगस्त 1999 को पश्चिम बंगाल के गैसल में अवध असम एक्सप्रेस और ब्रह्मपुत्र मेल की टक्कर में 285 लोगों की मौत हो गई और 312 लोग घायल हुए। यह हादसा ट्रेन संचालन में लापरवाही और गलत समय प्रबंधन का परिणाम था, जिसने रेलवे ट्रैकिंग सिस्टम की मजबूती की जरूरत को स्पष्ट किया।
8. जम्मू तवी-सियालदाह एक्सप्रेस हादसा (26 नवंबर 1998)
26 नवंबर 1998 को पंजाब में जम्मू तवी - सियालदाह एक्सप्रेस और फ्रंटियर मेल की टक्कर में 210 लोगों की मौत हो गई। यह हादसा रेलवे लाइन की रखरखाव में खामी और आपातकालीन प्रतिक्रिया की कमी का संकेत था।
9. फिरोजाबाद रेल हादसा (1995)
1995 में आगरा के पास फिरोजाबाद में कालिंदी एक्सप्रेस और पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के बीच टक्कर हो गई। नीलगाय द्वारा ट्रैक पर अवरोध उत्पन्न करने के कारण यह दुर्घटना हुई। इसमें 300 से अधिक लोग मारे गए और 344 घायल हुए। यह हादसा सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन की महत्वपूर्णता को दर्शाता है।
10. महबूबनगर ट्रेन हादसा (23 नवंबर 1956)
23 नवंबर 1956 को हैदराबाद से 100 किमी दूर महबूबनगर में बाढ़ के कारण एक पुल टूटने से ट्रेन मरुदयार नदी में गिर गई। इस दुर्घटना में 154 लोगों की मौत हो गई और 115 लोग घायल हुए। यह हादसा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर की कमजोरियों को उजागर कर गया था।
ये दुर्घटनाएं भारतीय रेलवे की सुरक्षा प्रणालियों और इंफ्रास्ट्रक्चर की गंभीरता को दर्शाती हैं। इन हादसों से मिली सीख ने रेलवे की सुरक्षा नीतियों में सुधार और तकनीकी नवाचारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता को स्पष्ट किया है।