स्पा की आड़ में थाईलैंड की 6 लड़कियां के साथ चल रहा था गुप्त धंधा, घुसते ही पुलिस के उड़ गए होश!
punjabkesari.in Tuesday, Apr 22, 2025 - 09:17 AM (IST)

नेशनल डेस्क: लखनऊ के पॉश इलाके में चल रहे एक स्पा सेंटर की चकाचौंध के पीछे छुपा था एक बड़ा राज। पुलिस ने जब वहां छापा मारा, तो होश उड़ गए। थाईलैंड की 6 युवतियां बिना वर्क वीजा के भारत में रहकर स्पा में काम कर रही थीं। आरोप है कि इन लड़कियों को गैरकानूनी तरीके से यहां लाया गया और स्पा की आड़ में उनसे गुप्त गतिविधियां करवाई जा रही थीं। पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और संचालिका सिमरन सिंह पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
यह भी पढ़ें: धरती का आखिरी दिन तय! NASA के वैज्ञानिकों ने बताई तबाही की तारीख, सिर्फ इतने साल और बचे हैं
थाईलैंड की युवतियां बिना वर्क वीजा के कर रही थीं काम
पुलिस की जांच में यह सामने आया कि ये सभी महिलाएं भारत में वर्क वीजा या एम्प्लॉयमेंट वीजा के बिना काम कर रही थीं। जब उनसे जरूरी दस्तावेज मांगे गए तो कोई भी युवती अपने वीजा या कानूनी कामकाजी पहचान से जुड़ा प्रमाण नहीं दिखा सकी। इस पर सभी को हिरासत में ले लिया गया और उनसे पूछताछ शुरू की गई।
संचालिका मौके से गायब, मैनेजर के खिलाफ केस दर्ज
जब पुलिस ने छापा मारा तो स्पा सेंटर की संचालिका सिमरन सिंह मौके पर मौजूद नहीं थी। पुलिस के अनुसार, सिमरन सिंह वाराणसी की रहने वाली है और लखनऊ आती-जाती रहती है। इस समय वही स्पा सेंटर की देखरेख कर रही थी। फिलहाल वह फरार है और पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया है। इसके अलावा स्पा सेंटर के मैनेजर के खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया गया है।
फॉर्म-सी और किराए के दस्तावेज भी नहीं मिले
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि इन विदेशी महिलाओं के रहने का कोई भी वैध दस्तावेज जैसे फॉर्म-सी या रेंट एग्रीमेंट उपलब्ध नहीं था। एक युवती ने बताया कि उन्हें न तो रहने का कोई ठोस पता दिया गया और न ही कोई वैध पेपरवर्क कराया गया। इससे साफ है कि सिमरन सिंह पर विदेशी महिलाओं को अवैध रूप से ठहराने और उनसे गैरकानूनी रूप से काम करवाने का गंभीर आरोप बनता है।
बिना डॉक्युमेंट काम कराने का आरोप
थाईलैंड की महिलाओं ने बताया कि स्पा सेंटर में उन्हें रहने और काम करने की सुविधा दी गई लेकिन किसी भी तरह का कानूनी दस्तावेज उन्हें नहीं दिया गया। काम शुरू करने से पहले कोई ऑफिशियल एग्रीमेंट या प्रोफेशनल वीजा नहीं बनवाया गया। इससे यह मामला मानव तस्करी और वीजा उल्लंघन जैसे गंभीर अपराध की ओर इशारा करता है।