राहुल ने गुजरात के 11 मंदिरों में पूजा-अर्चना की, BJPने कहा यह स्वाभाविक नहीं है

Wednesday, Nov 15, 2017 - 09:15 AM (IST)

नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने गुजरात दौरों के दौरान 11 मंदिरों में पूजा-अर्चना की। भाजपा ने कहा यह स्वाभाविक नहीं है। राहुल गांधी ने सितम्बर में शुरू हुए अपने गुजरात चुनावी अभियान के 50 दिनों में कुल 11 मंदिरों की यात्रा की। गुजरात यात्रा के अपने चौथे चरण के अंतिम दिन राहुल ने पाटन के वीर मेघमाया मंदिर, मेहसाणा के बाहुचार्जी मंदिर और खोटिदयार के वराणा मंदिर में पूजा की। राहुल ने गुजरात में मंदिरों की यात्रा करने से पूर्व पिछले वर्ष भी उत्तर प्रदेश के चुनाव से पहले अपनी देवरिया से दिल्ली किसान यात्रा के दौरान राज्य के कई मंदिरों में गए थे। उन्होंने अपनी यात्रा अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर से शुरू की थी और उसके बाद मथुरा के द्वारिकाधीश मंदिर और चित्रकूट के कामतानाथ मंदिर में भी भगवान के दर्शन किए।

समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने के बाद राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव अभियान के अंतिम चरण में वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में संयुक्त रूप से माथा टेका था। उत्तर प्रदेश में राहुल ने देवबंद, मुरादाबाद की जामा मस्जिद, इलाहाबाद की जामा मस्जिद और बरेली की दरगाह-ए-अल्ला हजरत चर्च का भी दौरा किया था। मगर गुजरात में राहुल ने मुसलमानों के एक भी धार्मिक स्थल का दौरा नहीं किया जिससे राजनीति में यह चर्चा है कि कांग्रेस इस बार राज्य की बहुल हिंदू आबादी को लुभाने की कोशिश में है। भाजपा अक्सर यह आरोप लगाती रही है कि कांग्रेस मुसलमानों के तुष्टिकरण में लगी हुई है। गुजरात में इस बार स्थिति अलग तरह की है। उत्तर प्रदेश में सभी समुदायों तक पहुंच बनाने के प्रयास किए गए थे और राहुल गांधी की मंदिरों की यात्रा से काफी रौचक स्थिति पैदा हुई थी, विशेषकर अयोध्या की यात्रा से।

कांग्रेस के एक विधायक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कांग्रेस के समाजवादी पार्टी से गठबंधन को सभी समुदायों ने नकार दिया क्योंकि सपा का रुझान अल्पसंख्यकों की ओर था। उन्होंने बनासकांठा में अम्बा जी के मंदिर के भी दर्शन किए जहां से इन्दिरा गांधी और राजीव गांधी ने अपने चुनाव अभियान की शुरूआत की थी। अक्षरधाम में पाटीदारों के काफी समर्थक हैं। इस रणनीति में संलिप्त एक कांग्रेसी नेता ने कहा कि राहुल के मंदिरों में जाने से भाजपा काफी परेशान है और इसके वरिष्ठ नेता कांग्रेस उपाध्यक्ष पर हमले बोल रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और गुजरात के प्रभारी भूपिंद्र यादव ने कहा, ‘‘राहुल के लिए मंदिरों में जाना एक स्वाभाविक कर्म होना चाहिए न कि चुनावी कर्म। वह दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में कभी भी नहीं गए।’’

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