नेताओं की राय: गुजरात के नतीजे अनुकूल हुए तो विपक्षी एकता में नई जान फूंकेंगे राहुल

punjabkesari.in Sunday, Dec 10, 2017 - 04:27 PM (IST)

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की ताजपोशी लगभग तय होने के बीच अनेक विपक्षी दलों का मानना है कि वह भाजपा को केन्द्र की राजनीति में कड़ी टक्कर देने और क्षेत्रीय दलों की आपसी विसंगतियों को साधकर उन्हें साथ लेकर चलने में अपनी मां और मौजूदा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरह ही कारगर साबित होंगे। इन दलों का मानना है कि गुजरात चुनाव में यदि कांग्रेस के पक्ष में ‘‘अच्छे परिणाम’’ आए तो वह विपक्ष की एकता में नए प्राण फूंकेंगे। कुछ विपक्षी नेताओं का यह मानना है कि विपक्षी दलों के ऊपर इस बात का दबाव है कि यदि वे मिलजुल कर चुनाव नहीं लड़ेंगे तो उनके अस्तित्व पर खतरा आ सकता है। इसलिए राहुल को विपक्ष की एकता कायम करने में अधिक दिक्कत नहीं आनी चाहिए।

राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार रह गए हैं। 11 दिसंबर को पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है। पार्टी संविधान के अनुसार, इसके बाद ही नए अध्यक्ष के निर्वाचित होने की घोषणा की जाएगी। राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की औपचारिक घोषणा से पहले ही राजद प्रमुख लालू प्रसाद एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घोषणा कर दी है कि उन्हें राहुल के साथ काम करने में कोई कठिनाई नहीं है।   विपक्षी एकता कायम रखने में राहुल कितने कारगर होंगे। इस सवाल पर द्रमुक नेता तिरूचि शिवा ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘राहुल गांधी एक होनहार युवा नेता हैं। वह कांग्रेस के लिए मूल्यवान साबित होंगे।

सोनिया गांधी की ही तरह राहुल गांधी के भी उनकी पार्टी और उसके नेतृत्व के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं।’’ सपा नेता नरेश अग्रवाल का मानना है कि किसी के बारे में पहले से ही आकलन करना गलत है। उन्होंने कहा ‘‘जब आदमी किसी पद पर बैठता है तो कुर्सी आदमी को खुद ही लायक बना देती है। इस काम में मुझे नहीं लगता कि कोई दिक्कत आनी चाहिए। जब सभी (विपक्षी दलों) का लक्ष्य है कि भाजपा को हराओ तो इसमें दिक्कत क्या आएगी?’’ राज्यसभा सदस्य शिवा ने कहा कि राहुल गांधी की अगुवाई में यदि गुजरात में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहता है तो निश्चित तौर पर इससे विपक्षी एकता को मजबूती मिलेगी।

उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता की मजबूती के लिए अन्य गैर भाजपा दलों के साथ साथ कांग्रेस का मजबूत होना भी बहुत जरूरी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता तारिक अनवर ने कहा, ‘‘सभी विपक्षी दलों के साथ उनका (राहुल का) पहले से अच्छा संपर्क और अच्छा ‘रैपो’ है। इसको वह आगे और मजबूत बनाएंगे।’’ सोनिया के मुकाबले राहुल के सामने अधिक चुनौतियां होने के बारे में पूछने पर सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा, ‘‘चुनौती स्वीकार करेंगे तो आगे और परिपक्व होंगे। जो आदमी लड़कर सत्ता पाता है उसका महत्व उतना ही बढ़ता है।’’


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