ऑफ द रिकॉर्डः राहुल केवल 4 राज्यों में गठबंधन चाहते हैं

Thursday, Aug 09, 2018 - 10:57 AM (IST)

नेशनल डेस्कः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के प्रमुख नेताओं को स्पष्ट कर दिया है कि वह गठबंधन के पक्ष में हैं मगर उन्हें यह बात अपने दिल में रखनी चाहिए कि ये गठबंधन महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार और तमिलनाडु जैसे 4 राज्यों तक ही सीमित होंगे, अन्य राज्यों में पार्टी अन्य दलों के साथ सीटों का तालमेल कर सकती है। इन 4 राज्यों में लोकसभा की 543 निर्वाचन क्षेत्र में से 208 सीटें हैं। इन 4 राज्यों में कांग्रेस के चुनाव लड़ने की आशा है, अगर यहां गठबंधन हुआ तो वह 50 से 54 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस नए समझौते के तहत महाराष्ट्र में 22 सीटों पर, उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर, बिहार में 12 और तमिलनाडु में 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

राहुल ने पी. चिदम्बरम को उस समय यह साफ कर दिया जब उन्होंने पीएम मोदी को हराने के लिए देशव्यापी गठबंधन का समर्थन किया था। राहुल ने कहा कि इन 4 राज्यों में पार्टी गठबंधन करेगी और अन्य राज्यों में सीटों का तालमेल हो सकता है। उन्होंने इस संबंध में किसी अन्य राज्य का नाम नहीं लिया। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ममता बनर्जी के साथ सीटों का तालमेल कर सकती है और गठबंधन नहीं करेगी। वह राज्य की 42 सीटों में से केवल 8 पर चुनाव लड़ेगी। इसका अर्थ यह है कि 4 राज्यों की 250 सीटों में से कांग्रेस 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ममता ने गत बुधवार को सोनिया गांधी के साथ मुलाकात कर विस्तार से चर्चा की मगर यह स्पष्ट है कि कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी को पराजित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।

सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने देश भर की 461 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था मगर उस समय स्थिति अलग थी। युवा राहुल गांधी के नेतृत्व में स्थिति भिन्न है जो अब यथार्थवादी बन गए हैं व तुरन्त फैसले लेने लगे हैं। अगर स्थिति योजनाबद्ध रही तो कांग्रेस अब 265 से 280 लोकसभा सीटों पर चुनाव लडऩे की तैयारी में है। केरल में भी इसका पहले ही गठबंधन है और यू.पी. के बाहर भी मायावती कांग्रेस से सीटें मांग रही हैं जिसके परिणामस्वरूप कांग्रेस की सीटों की संख्या कम हो सकती है मगर एक बात यकीनी है कि कांग्रेस नीत गठबंधन की सफलता दर अनुमान से अधिक नुक्सानदायक होगी।

Seema Sharma

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