लोस चुनाव 2019 के घोषणापत्र में शिक्षा पर रहेगा राहुल का फोकस

Saturday, Sep 22, 2018 - 02:47 PM (IST)

नई दिल्लीः  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकारी शिक्षण संस्थानों में अधिक निवेश की जरूरत पर पर जोर देते हुए कहा कि देश को किसी एक विचार से नहीं चलाया जा सकता। गांधी ने कहा कि देश में ऐसा लग रहा है कि एक विचार थोपा जा रहा है। इतना ही नहीं, आज किसान, मजदूर, नौजवान हर कोई कह रहा है कि 1.3 अरब का देश किसी एक खास विचार के जरिए नहीं चलाया जा सकता।

कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बनने वाले घोषणापत्र में इसका स्पष्ट रूप से उल्लेख होगा कि सरकार बनने के बाद प्रतिवर्ष कितना खर्च शिक्षा पर किया जाएगा। उन्होंने शिक्षाविदों के साथ संवाद कार्यक्रम में कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था के बारे में कुछ चीजों पर समझौता नहीं हो सकता। 

महत्वपूर्ण बात यह कि भारतीय शिक्षण व्यवस्था में अपनी राय रखने की अनुमति होनी चाहिए। गांधी ने कहा कि अगर आप चाहते हैं कि शिक्षा व्यवस्था काम करे तो उसमें बदलाव होना जरूरी है। शिक्षक को महसूस होना चाहिए कि वह देश के लिए त्याग कर रहा है और बदले में देश भी उसे कुछ दे रहा है। शिक्षकों को अनुबंध पर रखे जाने की व्यवस्था पर उन्होंने कहा, "शिक्षक को कॉन्ट्रैक्ट पर रखते हैं और कोई भविष्य नहीं देते। इससे शिक्षा में बदलाव नहीं होता। यह व्यवस्था नहीं होनी चाहिए।" 

 

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "शिक्षा व्यवस्था में बढ़ती लागत एक समस्या है। यह वहां पहुंच चुकी है जो अस्वीकार्य है।" उन्होंने कहा, "जब ओबामा कहते हैं कि अमरीका के लोग भारत के इंजीनियरों से स्पर्धा कर रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि ओबामा आप लोगों की तारीफ कर रहे हैं। वह बुनियादी ढांचे की तारीफ नहीं कर रहे हैं।"  उन्होंने कहा, "निजी संस्थान के लिए जगह होनी चाहिए, लेकिन सरकारी शिक्षा व्यवस्था ही मुख्य आधार होना चाहिए। सरकारी संस्थान ही मार्गदर्शक की तरह होने चाहिए। सरकारी संस्थानों पर अधिक पैसे खर्च होने चाहिए।"  
 

Sonia Goswami

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