राहुल गांधी ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा- तीन कारणों से बर्बाद हुई अर्थव्यवस्था

Friday, Aug 28, 2020 - 07:41 PM (IST)

नई दिल्लीः पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के उस बयान पर चुटकी ली है, जिसमें वित्त मंत्री ने कहा था कि कोरोना महामारी एक ‘दैवीय घटना’ है और यह क कारक है, जिससे जीएसटी संग्रह प्रभावित हुआ। इस साल असाधारण स्थिति का सामना कर रहे हैं। हम एक दैवीय आपदा का सामना कर रहे हैं। हमें मंदी भी देखने को मिल सकती है। राहुल ने अपने ट्वीट में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तीन कार्यों से तबाह हुई है। नोटबंदी, दोषपूर्ण जीएसटी और नाकाम लॉकडाउन। इसके अलावा बाकी सब झूठ है।“

राहुल से पहले CPI (M) ने भी GST राजस्व की कमी के मामले पर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि सरकार उद्योगपतियों से मिलीभगत, नाकाम नीतियों और कठोर रवैए से अर्थव्यवस्था को बर्बाद करके 'भगवान को कोस रही है।' पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने कहा, 'अगर जरूरी हो तो केंद्र सरकार कर्ज लेकर राज्यों के बकाए का भुगतान करे। राज्य सरकारें कर्ज क्यों लें? क्या इसे सहकारी संघवाद कहते हैं? भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के बाद राज्यों को लूटा जा रहा है। दैवीय कारण बताकर?' उन्होंने कहा, 'उद्योगपतियों से मिलीभगत, अक्षमता और असंवेदनशीलता की वजह से महामारी से काफी पहले ही लोगों की आजीविकाएं और जिंदगियां बर्बाद हो गई थीं। अब भगवान को कोसा जा रहा है।

गौरतलब है कि राज्यों को राजस्व में कमी की भरपाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए जीएसटी काउंसिल की गुरुवार को हुई बैठक के बाद सरकार ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी से माल एवं सेवा कर (GST) संग्रह काम हुआ है और वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीएसटी राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी आने का अनुमान है। बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी एक "दैवीय घटना" है और यह एक कारक है, जिससे जीएसटी संग्रह प्रभावित हुआ। इस साल हम असाधारण स्थिति का सामना कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा था कि सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में 1.65 लाख करोड़ रुपए जारी किए हैं। इसमें मार्च के 13,806 करोड़ रुपए भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए एकत्रित उपकर 95,444 करोड़ रुपए था जबकि राज्यों को 1.65 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।

Yaspal

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