राजनाथ सिंह के बयान पर राहुल गांधी ने साधा निशाना, कहा- साफ है मोदी जी ने बोला झूठ
Tuesday, Sep 15, 2020 - 06:24 PM (IST)
नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध पर एक बार फिर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने संसद में राजनाथ सिंह के बयान का हवाला देते हुए कहा कि रक्षा मंत्री के बयान से साफ़ है कि मोदी जी ने देश को चीनी अतिक्रमण पर गुमराह किया। हमारा देश हमेशा से भारतीय सेना के साथ खड़ा था, है और रहेगा। लेकिन मोदी जी, आप कब चीन के ख़िलाफ़ खड़े होंगे? चीन से हमारे देश की ज़मीन कब वापस लेंगे? चीन का नाम लेने से डरो मत।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “रक्षा मंत्री के बयान से साफ़ है कि मोदी जी ने देश को चीनी अतिक्रमण पर गुमराह किया। हमारा देश हमेशा से भारतीय सेना के साथ खड़ा था, है और रहेगा। लेकिन मोदी जी, आप कब चीन के ख़िलाफ़ खड़े होंगे? चीन से हमारे देश की ज़मीन कब वापस लेंगे? चीन का नाम लेने से डरो मत।
रक्षामंत्री के बयान से साफ़ है कि मोदी जी ने देश को चीनी अतिक्रमण पर गुमराह किया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 15, 2020
हमारा देश हमेशा से भारतीय सेना के साथ खड़ा था, है और रहेगा।
लेकिन मोदी जी,
आप कब चीन के ख़िलाफ़ खड़े होंगे?
चीन से हमारे देश की ज़मीन कब वापस लेंगे?
चीन का नाम लेने से डरो मत।
इससे पहले कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि देश सेना के साथ एकजुट है, लेकिन रक्षा मंत्री ये बताएं कि चीन ने हमारी सरजमीं पर कब्जे का दुस्साहस कैसे किया? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन द्वारा हमारे क्षेत्र में घुसपैठ न करने के बारे में गुमराह क्यों किया?
मा. राजनाथ जी,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 15, 2020
देश सेना के साथ एकजुट है। पर ये बताएँ-
चीन ने हमारी सरज़मीं पर क़ब्ज़े का दुस्साहस कैसे किया?
मोदीजी ने चीन द्वारा हमारे क्षेत्र में घुसपैठ न करने बारे गुमराह क्यों किया?
चीन को हमारी सरज़मीं से वापस कब ख़देड़ेंगे?
चीन को लाल आँख कब दिखाएँगे?
पार्टी चीन से चल रहे विवाह को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है। गलवान की घटना के बाद प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि ना कोई हमारे क्षेत्र में घुसा है और ना किसी पोस्ट पर कब्जा किया है। इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि भारत शांति और दोस्ती चाहता है लेकिन वो अपनी संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।
इधर, संसद में रक्षा मंत्री ने कहा कि एलएसी का सम्मान करना और उसका कड़ाई से पालन किया जाना, सीमा क्षेत्रों में शांति और सद्भाव का आधार है, और इसे 1993 एवं 1996 के समझौतों में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है, जबकि हमारी सेना इसका पूरी तरह पालन करती है, लेकिन चीन की ओर से ऐसा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी जो स्थिति बनी हुई है उसमें संवेदनशील परिचालन मुद्दे शामिल हैं, इसलिए इस बारे में ज्यादा खुलासा नहीं करना चाहूंगा।