राहुल गांधी का दावा, विपक्षी गठबंधन सरकार का पहला काम होगा जातिगत जनगणना

Saturday, Mar 02, 2024 - 10:58 PM (IST)

नेशनल डेस्क : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर बड़े उद्योगपतियों के लिए काम करते हुए किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि पार्टी के घोषणापत्र में किसानों को ‘कानूनी रूप' से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान करने का वादा शामिल है।

'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के मध्य प्रदेश में प्रवेश करने के बाद मुरैना में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने जाति आधारित गणना की मांग दोहराई और दावा किया कि देश की 73 प्रतिशत आबादी की अर्थव्यवस्था के अधिकांश क्षेत्रों के साथ-साथ नौकरशाही के शीर्ष स्तरों पर कोई उपस्थिति नहीं है। राहुल ने बाद में ग्वालियर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र में सत्ता में आने के बाद जाति आधारित गणना कराना विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन सरकार का पहला काम होगा।

उन्होंने जाति आधारित गणना के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि उनकी दूसरी यात्रा मणिपुर से शुरू हुई क्योंकि ''भाजपा की विचारधारा ने उस राज्य में आग लगा दी है जहां लोग एक-दूसरे को मार रहे हैं जबकि कांग्रेस नफरत के खिलाफ है।'' राहुल ने मुरैना में आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने दस से पंद्रह उद्योगपतियों के 16 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिए लेकिन किसानों को एमएसपी (कानूनी रूप से गारंटी) देने से इनकार कर रही है।

पंजाब और हरियाणा में किसान संगठन वर्तमान में फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी देने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा,''हमने घोषणापत्र में वादा किया है कि केंद्र की सत्ता में आने पर कांग्रेस देश के किसानों को कानूनी तौर पर एमएसपी देगी।'' उन्होंने आरोप लगाया कि किसान केवल एमएसपी, अपनी उपज और कड़ी मेहनत के लिए सही कीमत मांग रहे हैं लेकिन जब फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है तो केंद्र सरकार कृषि वस्तुओं की कीमतों को कम करने के लिए अपनी आयात-निर्यात नीति में बदलाव कर देती है।

राहुल ने कहा, ‘‘यह बदलाव किसानों को अपनी उपज कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर करता है और सरकार फिर से दरें बढ़ा देती है (नीति में बदलाव करके)।'' उन्होंने कहा कि देश में 22 अमीर लोगों के पास आधी आबादी के बराबर संपत्ति है और पांच फीसदी अमीर लोगों के पास 60 प्रतिशत पैसा है। उन्होंने दावा किया कि बेरोजगारी का स्तर 40 वर्षों में उच्चतम स्तर पर है। राहुल ने कहा कि देश में बेरोजगारी पाकिस्तान और बांग्लादेश की तुलना में दोगुनी है। कांग्रेस नेता ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और नोटबंदी को लागू करने के नरेन्द्र मोदी सरकार के फैसले से बेरोजगारी में वृद्धि हुई क्योंकि इन उपायों ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया, खासकर छोटे और मध्यम व्यवसायों को, जो युवाओं को रोजगार देते हैं।

अडाणी समूह का नाम लेते हुए राहुल ने आरोप लगाया कि हर क्षेत्र में पांच से छह बड़ी कंपनियों का एकाधिकार है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि बड़ी कंपनियों के मालिकों, उनके वरिष्ठ प्रबंधनों, मीडिया फर्मों, प्रभावशाली पत्रकारों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंशर में ओबीसी, दलित और आदिवासी समुदायों का कोई भी व्यक्ति नहीं है। उन्होंने दावा किया, ''सरकार चलाने वाले'' 90 शीर्ष आईएएस अधिकारियों में से केवल तीन-तीन ओबीसी और दलित समुदायों से हैं, और ''बजट तय होने पर उन्हें कोने में बैठा दिया जाता है।''

कांग्रेस नेता ने कहा कि जाति आधारित जनगणना एक क्रांतिकारी कदम है और यह इन समुदायों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में न्याय और समान भागीदारी सुनिश्चित करेगा। उन्होंने ने कहा, यह दो सवालों के जवाब देगा, अर्थात् ओबीसी, दलितों और आदिवासियों की आबादी क्या है, और उनके बीच धन कैसे वितरित किया जाता है और विभिन्न संस्थानों में उनकी हिस्सेदारी क्या है। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा रक्षा बलों में भर्ती के लिए अग्निवीर प्रणाली शुरू करने से पहले, केवल "एक प्रकार के शहीद" होते थे और पूर्व सैनिकों को पेंशन, कैंटीन सुविधाएं और समाज में सम्मान मिलता था।

Parveen Kumar

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