ऐसे बड़े मौके जब राहुल पार्टी को अकेला छोड़ निकल गए विदेश दौरे पर

Thursday, Jun 15, 2017 - 04:40 PM (IST)

नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी हाल ही में पुलिस फायरिंग में मारे गए किसानों के परिजनों से मिलने के लिए मंदसौर गए थे। हालांकि पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक हिरासत में ले लिया था। दिल्ली वापिस लौटते हुए उन्होंने उदयपुर में किसानों से मुलाकात की थी और कहा था वे कि केंद्र की मोदी सरकार से उनके हक की लड़ाई लड़ेंगे। लेकिन सबकुछ बीच में छोड़कर राहुल अपनी नानी के घर छुट्टियां मनाने जा रहे हैं। कुछ दिन पहले खुद राहुल ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी थी। यह पहला मौका नहीं है जब राहुल किसान आंदोलन और राष्ट्रपति चुनाव मंथन के बीच विदेश जा रहे हैं।

एक नजर राहुल के उन दौरे पर जब भारत अहम मुद्दों से जूझ रहा था और कांग्रेस उपाध्यक्ष विदेश निकल गए

-16 दिसम्बर 2012 को हुए निर्भया रेप और हत्या मामले में दिल्ली और देशभर में छिड़े आंदोलन के बीच भी राहुल विदेश दौरे पर थे। तब केंद्र में कांग्रेस सरकार थी।

-भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्संस्थापन (संशोधन) विधेयक 2015 के लोकसभा द्वारा 10 मार्च, 2015 को पारित होने के समय भी वह संसद में मौजूद न रहकर विदेश दौरे पर थे।

-दादरी में 28 सितंबर 2015 को अखलाक की हत्या मामले पर जब पूरे यूपी में सियासी बवाल मचा हुआ था तब भी राहुल भारत में मौजूद नहीं थे।

-साल 2016, नवंबर में नोटबंदी के समय भी वह बीच में ही विदेश दौरे पर निकल गए थे।

बता दें कि कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मंदसौर मामले में मोर्चा संभाले हुए हैं। वे 72 घंटे सत्याग्रह पर बैठे हैं। ऐसे में पार्टी उपाध्यक्ष का उनके साथ न होना पार्टी के लिए बड़ी कमी है। राहुल अगर सिंधिया के साथ खड़े होते तो शायद मोदी सरकार के खिलाफ माहौल तैयार करना कांग्रेस के लिए आसान होता।

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