परिवारवाद का आरोप हटाने के लिए राहुल गांधी ने चुना यह रास्ता

Tuesday, Apr 25, 2017 - 08:01 PM (IST)

नई दिल्ली: कांग्रेस वर्किंग कमेटी की ओर से राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाये जाने के प्रस्ताव को खुद राहुल ही क्यों नहीं स्वीकार कर रहे हैं, ये सवाल सबकी जुबान पर है। जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी संगठन का चुनाव लड़ कर ही अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होना चाहते हैं। वो संगठन का चुनाव लड़कर ये साबित करना चाहते हैं कि कांग्रेस एक लोकतांत्रित पार्टी है। राहुल साबित करना चाहते हैं कि वो नेहरू गांधी परिवार का वारिस बन के नहीं बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं की पसंद की वजह से अध्यक्ष बने हैं।

राहुल गांधी एक तीर से दो निशाना साधने की जुगत में हैं। एक तो परिवारवाद का आरोप लगाने वाली भाजपा को जवाब देना चाहते हैं साथ ही पार्टी में खुद की नेतृत्व क्षमता पर उठ रहे सवालों को भी उन्हें जवाब देना है। राहुल के करीबी इस बात को लेकर भी आश्वस्त हैं कि फिलहाल राहुल के खिलाफ कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं खड़ा होगा। 

क्षमता के मुताबिक चुनें पदाधिकारी
2014 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 15 सीट पर अमेरिका की तर्ज पर कैंडिडेट के चयन के लिए इलेक्टोरल कालेज बनाया था। हालांकि राहुल की पार्टी के भीतर चुनाव कराने के लेकर काफी आलोचना भी हुई। फिलहाल पार्टी में सदस्यता अभियान चल रहा है जो 15 मई तक खत्म हो जायेगा। राहुल कांग्रेस वर्किंग कमिटी के आधे सदस्यों को भी चुनाव के जरिए ही लाना चाहते हैं। चुनाव आयोग ने कांग्रेस को इस साल के अंत तक संगठन के चुनाव पूरा करा लेने की आखिरी मोहलत दी है। उम्मीद है कि, राहुल पार्टी के अध्यक्ष पद की कमान अक्टूबर तक संभाल लेंगे। 
 

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