बढ़ती मंहगाई को लेकर मोदी सरकार पर भड़के राहुल गांधी, कहा- मैं यूं हीं इन्हें ‘जेबकतरी सरकार'' नहीं कहता

Saturday, Apr 01, 2023 - 09:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि महंगाई पहले से ही लोगों का जीवन कठिन बना चुकी है लेकिन सरकार चुपचाप महंगाई बढ़ा कर आम लोगों की जेब काटने का काम कर रही है। राहुल गांधी ने शनिवार को अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘महंगाई देश की सबसे जटिल समस्याओं में से एक है और इसकी जिम्मेदार भारत के इतिहास की सबसे नाकारा सरकार है। दवाइयों की क़ीमतें इस साल फिर से चुप-चाप 11 प्रतिशत से ज़्यादा बढ़ा दी गईं हैं।''

स्वास्थ्य और शिक्षा का खर्च आसमान छू रहा
उन्होंने कहा, ‘‘स्वास्थ्य और शिक्षा का खर्च आसमान छूता जा रहा है। ये सारे ज़रूरी खर्चे हैं, आम लोगों के जीवन का अभिन्न अंग हैं। जहां सरकार को इन्हे धीरे धीरे निशुल्क करने की कोशिश करनी चहिए, उसे वे और महंगा करते जा रहे हैं। ऊपर से बेरोज़गारी और सुस्त अर्थव्यवस्था के कारण नौकरीपेशा लोगों की आमदनी न बढ़ना और उसके ऊपर महंगाई की मार, ईएमआई की किश्तें बढ़ती जा रही हैं, ऋण लेकर उसे चुकाना और घर के खर्चे चलाने की जद्दोजहद में हर परिवार की जिदंगी फंसी हुई है।'' 

'यूपीआई ट्रांसफर पर भी सरचार्ज लगेगा'
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैं यूं हीं इन्हें ‘जेबकतरी सरकार' नहीं कहता। आपकी जेब काटी जा रही है, मगर कहीं इस बात की चर्चा नहीं है। न आपके पसंदीदा न्यूज़ चैनल पर, न ही किसी सरकारी घोषणा में। चर्चा हो रही होगी तो बस सांप्रदायिकता की या फिर झूठी कहानियां गढ़ी जा रही होंगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘यूपीआई ट्रांसफर पर भी सरचार्ज लगेगा, ये कभी आपने सोचा था, जब आपको ‘डिजिटल पेमेंट' करने के लिए प्रेरित किया गया था। आप मेहनत कर के कमाएं, सरकार को टैक्स चुकाएं और अब पैसों के लेन देन में भी अलग से पैसे दें।

ये तानाशाही की किताब का पहला पन्ना है 
पेट्रोल-डीज़ल तो महंगा था ही, अब गाड़ियां और टोल टैक्स भी महंगा होगा। संदेश साफ है- गाड़ी लेना चाहे आपकी ज़रूरत हो या ख्वाहिश, दोनों से आंखें मूंद लें। इस सरकार के रहते तो ये मुश्किल है। और ये मुश्किलें दिन प्रति दिन बढ़ती ही जाएंगी।'' कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘संसद बंद है तो जाहिर सी बात है कि लोकतंत्र के मंदिर में भी इस पर सवाल जवाब नहीं होगा। मनमाने फैसले ले कर, बिना विपक्ष या जनता से सलाह किए बस थोप देना, मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, ये तानाशाही की किताब का पहला पन्ना है।'' 

rajesh kumar

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