भारत के राफेल से खौफ में चीन, ड्रेगन ने LAC के नजदीक उतारे 36 बमवर्षक विमान

Thursday, Aug 13, 2020 - 01:08 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः भारत और चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को लेकर तनाव जारी है । इस बीच भारत की एक डील ने ड्रेगन की नींद उड़ा कर रख दी है। भारत के 5 राफेल आने के बाद चीन की टेंशन बढ़ गई है और बौखलाहट उसने अपने होतान एयरबेस पर 36 बमवर्षक विमान उतार दिए हैं। LAC के नजदीक चीन के होतान एयरबेस में हलचल देखी जा रही है। सवाल यह है कि आखिर भारत के राफेल आते ही चीन टेंशन में क्यों है। . राफेल के आते ही सारे समीकरण बदल गए है।

28 जुलाई को चीन ने आनन फानन में अपने 36 फाइटर जेट्स की तैनाती होतान एयरबेस पर कर दी। इन फाइटर जेट्स में 24, J-11 बमबर्षक हैं, जो रूस में बने हैं। 6 पुराने J-8 फाइटर जेट्स हैं और 2 Y-8G transports जेट्स, 2 KJ-500 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एयरक्राफ्ट और 2 MI-17 हेलीकॉप्टर की भी तैनाती की गई है। वैसे तो राफेल से पहले भी होस्टन में चीन के बमवर्षक थे, लेकिन सिर्फ तब 12 की तैनाती की गई थी जिसे अब बढ़कर 36 कर दिया गया है। बमवर्षकों में ये 300 फीसदी का इजाफा किसी बड़ी साजिश की ओर संकेत करता है। चीन को पता है कि होतान से उसके सारे विमान वार करने में सक्षम नहीं है। दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य ताकत रखने वाले चीन की हकीकत ये है कि इस शिंझियांग रीजन में मुश्किल टैरेन की वजह से उसके पास ढंग की एअर स्ट्रिप नहीं हैं।

युद्ध की स्थिति में चीन के बमबर्षक सिर्फ होतान एयरबेस से ही उड़ान नहीं भरेंगे, वो काशगर और नगारी कुंशा एयरबेस से भी उड़ान भर सकते हैं। लेकिन लद्दाख से काशगर की दूरी 350 किलोमीटर और नगारी कुशां से 190 किलीमीटर है। चीन इसलिए खौफजदा है क्योंकि उसके फाइटर जेट्स विमान राफेल की तरह हवा में 12-12 घंटे नहीं उड़ सकते। यानि भारत के पांच राफेल भी उसका सारा प्लान फेल करने का दमखम रखते हैं, और मिग-29K और सुखोई जैसे फाइटर जेट्स तो पहले से ही लद्दाख में तैनात हैं।

Tanuja

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