राफेल याचिका, राहुल के खिलाफ अवमानना मामला अलग-अलग सूचीबद्ध करने पर सुप्रीम कोर्ट हैरान

Monday, May 06, 2019 - 11:26 PM (IST)

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह अपने आदेश के विपरीत राफेल पर उसके फैसले से जुड़ी पुनर्विचार याचिकाओं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ‘‘चौकीदार चोर है'' टिप्पणी गलत तरीके से उच्चतम न्यायालय के हवाले से कहने के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका को सुनवाई के लिये अलग-अलग सूचीबद्ध करने से ‘‘थोड़ा हैरान'' है।

सीजेआई ने क्या कहा
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक विशेष पीठ ने कहा कि उसने पहले ही यह स्पष्ट किया था कि दोनों मामले साथ सुने जाएंगे लेकिन इसके बावजूद, अवमानना याचिका को सुनवाई के लिये सोमवार को पुनर्विचार याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध नहीं किया गया। पीठ को बताया गया कि गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका 10 मई को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध की गई है। इस पीठ में न्यायमूर्ति एस के कौल और के एम जोसेफ भी शामिल हैं।

एक साथ सुनवाई का था आदेश
पीठ कहा, ‘‘हम थोड़ा उलझन में हैं कि दो मामले दो अलग-अलग तारीखों पर सूचीबद्ध हैं जबकि इनकी एकसाथ सुनवाई करने का आदेश था।'' पीठ ने कहा, ‘‘यह समस्या है। दोनों मामलों को साथ सूचीबद्ध करने का आदेश था। हमने खुली अदालत में आदेश दिया था लेकिन इसमें कहा गया है कि एक मामला छह मई को सूचीबद्ध है और दूसरा 10 मई को। यह कैसे हो सकता है?'' संक्षिप्त सुनवाई के बाद, पीठ ने आदेश दिया कि पुनर्विचार याचिकाओं और गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका को एक साथ 10 मई को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया जाए।

पीठ ने कहा, ‘‘मौजूदा मामलों और अ‍वमानना याचिका (आपराधिक)... को 10 मई को अपराह्न दो बजे एक साथ सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया जाए।'' पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हम यह स्पष्ट करते हैं कि 10 मई को सुनवाई निर्धारित की गई है और पक्षकारों को बताई गई तारीख पर इसे पूरा करने का प्रयास करना चाहिए। इसबीच में भारत सरकार के जवाबों का प्रति उत्तर दिया जा सकता है।'' मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी के साथ याचिकाकर्ता अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने शुरुआत में पीठ को बताया कि अदालत के समक्ष तीन याचिकाएं हैं।

 

Yaspal

Advertising