राफेल डील: कपिल सिब्बल बोले- कैग रिपोर्ट एक और बड़ा घोटाला होगा

Sunday, Feb 10, 2019 - 09:29 PM (IST)

नई दिल्लीः राफेल विमान सौदे पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट आने से पहले ही कांग्रेस ने उस पर सवाल उठाते हुए आज कहा कि यह रिपोर्ट ऐसे अधिकारी (कैग) ने तैयार की है जिसकी देख-रेख में यह सौदा हुआ था तो वह उसमें खामी का पता कैसे लगायेंगे।

सरकार सोमवार को संसद में पेश कर सकती है कैग की रिपोर्ट
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने यहां पार्टी की नियमित ब्रीफिंग में कहा कि संभावना है कि सरकार सोमवार को राफेल सौदे पर कैग की रिपोर्ट संसद में पेश करेगी। उन्होंने कहा कि यह सीधे-सीधे हितों के टकराव का मामला है क्योंकि जिस समय मोदी सरकार ने 36 राफेल की खरीद का सौदा किया और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय के 126 राफेल की खरीद के सौदे को रद्द किया गया उस समय राजीव महर्षि देश के वित्त सचिव थे और अब वही कैग के पद पर हैं। उन्होंने कहा कि हितों के टकराव का इससे बड़ा कोई मामला नहीं हो सकता क्योंकि जिस अधिकारी के देख-रेख में यह भ्रष्ट सौदा हुआ वह अपने ही खिलाफ जांच कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि यह तो वही बात हुई ,‘‘ मैं ही गलत, मैं ही जज’’।

निष्पक्ष जांच की जरूरत
सिब्बल ने कहा कि महर्षि 24 अक्टूबर 2014 से 30 अगस्त 2015 तक वित्त सचिव रहे और इसी दौरान मोदी ने 10 अप्रैल 2015 में इस सौदे की घोषणा की और 24 जून 2015 में 126 राफेल की खरीद के सौदे को रद्द किया गया। उन्होंने कहा कि वित्त सचिव की किसी भी सौदे में महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इससे साफ है कि यह सौदा महर्षि की देख-रेख में हुआ तो ऐसे में उनसे कैसे अपेक्षा की जा सकती है कि वह इसमें हुई गड़बडियों की निष्पक्ष जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के शिष्टमंडल ने गत 19 सितंबर और 04 अक्टूबर को दो बार महर्षि से मुलाकात कर कहा था कि राफेल सौदे में गड़बडी हैं जिनकी जांच किये जाने की जरूरत है।

होगा गुमराह करने का प्रयास
कांग्रेस नेता ने आशंका जतायी कि कैग की रिपोर्ट में महर्षि खुद का और सरकार का बचाव करेंगे। उन्होंने कहा कि यह झूठ को सच दिखलाने तथा देश को गुमराह करने का प्रयास है। कांग्रेस नेता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार को इसलिए रिपोर्ट के बारे में पहले से ही पता चल गया और उसने उच्चतम न्यायालय को भेजे हलफनामे में कह दिया कि कैग की रिपोर्ट संसद को मिल गयी है और उसमें कोई गड़बड़ी सामने नहीं आयी है। नैतिकता की दुहाई देते हुए उन्होंने कहा कि महर्षि को कैग के तौर पर राफेल सौदे की जांच नहीं करनी चाहिए थी।

सिब्बल ने नौकरशाही को आगाह करते हुए कहा कि कांग्रेस की नजर उन अधिकारियों पर है जो अति उत्साह में सरकार के प्रति स्वामी भक्ति में लगे हैं। इस बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई धमकी नहीं है लेकिन इतना जरूर है कि कांग्रेस की इन सब चीजों पर नजर है कि यह क्या हो रहा है।

 

Yaspal

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