ट्रांसजेंडर टीचर की आपबीती, इंटरव्यू में पूछे जाते हैं प्राइवेट पार्ट्स को लेकर सवाल

punjabkesari.in Tuesday, Jun 19, 2018 - 03:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल की 30 वर्षीय सुचित्रा डे ने 2017 में अपना जेंडर बदल लिया था। जिसके बाद उन्होंने अपना नाम हिरण्मय डे से बदलकर सुचित्रा डे करवा लिया था। हालांकि इसके बाद से ही उन्हे कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्हे उस वक्त शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब नौकरी के लिए साक्षात्कार के दौरान उसके स्तनों के बारे में सवाल किए गए। कोलकाता के एक स्कूल में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गई सुचित्रा से पूछा गया कि क्या उनके स्तन असली हैं या नकली? यही नहीं उनसे यह भी पूछा गया कि क्या वह संतान पैदा कर सकती हैं? 
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टीचर की जॉब के लिए इंटरव्यू के दौरान सुचित्रा से अकसर इस तरह के सवाल किए जाते हैं। इंटरव्यू में उसकी योग्यता के बजाए उसके प्राइवेट पार्ट्स के बारे में सवाल किए जाते थे। सुचित्रा ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि मेरी शैक्षणिक योग्यता और 10 सालों का अनुभव स्कूल लिए मायने नहीं रखता। जब उन लोगों ने मेरी तरफ देखा, तब वो सिर्फ ये देख रहे थे कि एक पुरुष अब महिला के रूप में ट्रांसफॉर्म हो चुका है। 

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सर्जरी से पहले सुचित्रा ने कोलकाता के एक स्कूल से अपना टीचिंग करियर शुरू किया था, जहां वो आज भी पढ़ाती हैं। सुचित्रा के पास डबल एम.ए (जियोग्राफी और इंग्लिश) और बी.एड की डिग्री है। उनके पास टीचिंग का 10 साल का अनुभव भी है। कोलकाता के एक स्कूल में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गई सुचित्रा को लगा कि यहां उनसे उनकी क्वालीफिकेशंस के बारे में पूछा जाएगा लेकिन वहां उनके प्राइवेट पार्ट्स के बारे में सवाल किया गया।
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बता दें कि सुचित्रा ने साल 2017 में जेंडर चेंज की सर्जरी करवाई थी। उन्होंने एमआरएस सर्जरी करवाने के बाद वो ठाकुरपुर के उसी स्कूल में पढ़ाना शुरू किया था जहां वो सर्जरी से पहले पढ़ाती थी। लेकिन उसने नौकरी बदलने की सोची इसलिए शहर के बड़े-बड़े स्कूलों में इंटरव्यू देना शुरू किया लेकिन उनके लिए ये अनुभव बेहद डरावना था। सुचित्रा ने इस अपमान के बाद मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग को लिखित शिकायत में बताया है कि कैसे ट्रांसजेंडर के साथ लोग पेश आते हैं। सुचित्रा ने कहा कि मेरे जैसे पढ़े-लिखे और अनुभवी को अगर इन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा तो उन लोगों का क्या होता होगा जो शिक्षत नहीं है।
 


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vasudha

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