जम्मू कश्मीर में बाहर से आने वाले मवेशियों का पृथकवास अनिवार्य

Wednesday, Aug 26, 2020 - 12:42 PM (IST)

जम्मू  : सरकार ने कहा है कि किसानों द्वारा केंद्रशासित प्रदेश के बाहर से लाये जा रहे डेयरी मवेशियों को रोग और उनके स्वास्थ्य की निगरानी के लिए पृथक-वास में रखा जाएगा। सरकार ने इस तरह इस केंद्रशासित प्रदेश में पशुओं के बाहर से लाने पर अपनी तरह के इस पहले कदम घोषणा की है। वैसे अब तक, जम्मू कश्मीर में डेयरी मवेशियों को बाहर से लाने के संबंध में कोई निर्धारित प्रक्रिया नहीं थी। प्रधान सचिव (पशु, भेड़ पशुपालन और मात्स्यिकी विभाग) नवीन के चौधरी ने आदेश में कहा, "डेयरी मवेशियों को लाने को सुचारू बनाने के लिए एसओपी (मानक संचाल प्रक्रिया) की महती आवश्यकता है ताकि किसानों को जम्मू कश्मीर के बाहर से डेयरी पशुओं को लाने में कोई मुश्किल न हो और साथ ही ऐसे जानवरों की अवैध तस्करी रोकी जा सके।" 

 

पिछले सप्ताह जारी किये गये आदेश में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर सरकार हाल ही में समेकित डेयरी विकास योजना लायी है जो डेयरी मवेशियों की खरीद लागत पर ५० फीसद सब्सिडी प्रदान कर इस केंद्रशासित प्रदेश में डेयरी इकाइयों की स्थापना को सुगम बनाती है। ये मवेशी मुख्य रूप से पंजाब और अन्य पड़ोसी राज्यों से खरीदे जाते हैं। केंद्रशासित प्रदेश में नाबार्ड के तत्वाधान में डेयरी उद्यमिता विकास योजना जैसी अन्य योजनाएं पहले से चल रही हैं। आदेश के मुताबिक खरीददार को जम्मू कश्मीर के बाहर से डेयरी मवेशियों की खरीद/उन्हें लाने के लिए लखनपुर (जम्मू कश्मीर और पंजाब की सीमा पर) पशुपालन चौकी पर पंजीकरण कराना होगा। आदेश में कहा गया है, " पंजीकरण के बाद किसान डेयरी मवेशी खरीदेंगे जिन्हें लखनपुर पहुंचने पर रोग निगरानी और उनके स्वास्थ्य की निगरानी के लिए पृथक-वास में रखा जाएगा। डेयरी मवेशियों की फिटनेस तय कर लिये जाने के बाद बाद उन्हें टैग/ टीके लगाये जायेंगे और यथासंभव कम समय में (उसी दिन) फिटनेस प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।"

Monika Jamwal

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