क्वाड में पहली बार शिक्षा पर चर्चा, क्वाड फेलोशिप के तहत गरीब देशों के 10 छात्रों को मिलेगी छात्रवृत्ति: संधू

Friday, Oct 01, 2021 - 01:26 PM (IST)

नैशनल डैस्क: संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा है कि क्वाड में पहली बार शिक्षा का विषय सामने आया है। क्वाड फेलोशिप एक कार्यक्रम है जो गरीब देशों के 10 छात्रों को छात्रवृत्ति के माध्यम से एक दूसरे के देशों में अध्ययन करने में सक्षम करेगा। संधू ने कहा कि इसके अलावा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर को क्वाड लीडर्स समिट में परिवर्तन, प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण और स्वच्छ, हरित तकनीक की सुविधा के महत्व पर चर्चा की है।

चर्चा में शामिल किए गए नए विषय
मीडिया में एक साक्षात्कार में संधू ने कहा कि क्वाड के तहत आने वाले देशों अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने आयोजित पहले इन-पर्सन समिट में अंतरिक्ष साइबर सुरक्षा व शिक्षा के उच्च मानक क्षेत्रों को चर्चा में शामिल कर एक दायरे को बढ़ाने की कोशिश की है। संधू ने कहा कि आपको याद होगा कि वर्चुअल समिट में सामरिक बातचीत के तीन स्पष्ट क्षेत्रों की पहचान की गई थी, जो कि कोविड -19 वैक्सीन, जलवायु परिवर्तन और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां हैं। उन्होंने कहा कि इस शिखर सम्मेलन में उन्होंने इनकी समीक्षा की, इन तीन पहलों का जायजा लिया और नेताओं ने पूर्ण सहयोग के नए क्षेत्रों को शामिल करने के दायरे का विस्तार किया। नए क्षेत्रों में अंतरिक्ष, साइबर सुरक्षा, उच्च मानक अवसंरचना और शिक्षा शामिल हैं।

साइबर सुरक्षा के महत्व पर दिया जोर
संधू ने बताया कि अंतरिक्ष में साझेदारी उपग्रह डाटा का आदान-प्रदान करेगी, निगरानी पर ध्यान केंद्रित करेगी, जलवायु परिवर्तन को अपनाएगी, आपदा की तैयारी, महासागर और समुद्री संसाधनों का सतत उपयोग और चुनौतियों का जवाब देगी। साइबर सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि एक निर्णय लिया गया था कि सरकार और उद्योग उन क्षेत्रों में सुधार के लिए मिलकर काम करेंगे जिनमें साइबर मानकों, सुरक्षित सॉफ्टवेयर, सभी देशों में कार्यबल, प्रतिभा का निर्माण और विश्वास योग्य डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने बताया था कि बुनियादी ढांचे में ही नई साझेदारियां क्षेत्र की बुनियादी ढांचे की जरूरतों के मानचित्रण को देख रही हैं, फिर तकनीकी सहायता के साथ जरूरतों का समन्वय कर रही हैं। क्षेत्रीय भागीदारों को सशक्त बना रही हैं और सतत बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा दे रही हैं। 

Anil dev

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