ममता के एक और विधायक ने छोड़ा साथ, दो दिन में पार्टी छोड़ने वाले तीसरे नेता

Friday, Dec 18, 2020 - 04:13 PM (IST)

नेशनल डेस्कः पश्चिम बंगाल में अगले साल होने विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को एक और झटका लगा है। गुरुवार को टीएमसी के बागी विधायक सुवेंदु अधिकारी के पार्टी छोड़ने के बाद एक और वरिष्ठ नेता शीलभद्र दत्ता ने भी आज इस्तीफा सौंप दिया है। सुवेंदु के साथ शीलभद्र के भी बीजेपी का दामन थामने के कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं पार्टी के मुस्लिम नेता कबीरुल इस्लाम ने शुक्रवार को पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। दो दिन में पार्टी छोड़ने वाले यह तीसरे नेता है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के अंदर घमासान मचा हुआ है। ममता बनर्जी के करीबी नेताओं में से अब तक तीन विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

इससे पहले पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों से पहले दिन-प्रतिदिन के राजनीतिक घटनाक्रमों की कड़ी में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बागी नेता शुभेंदु अधिकारी के बाद अब विधायक जितेंद्र तिवारी ने इस्तीफा दे दिया  तिवारी ने आसनसोल नगर निगम प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया। कुछ दिन पहले ही उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार को एक पत्र लिखकर इस औद्योगिक शहर को केन्द्रीय कोष से वंचित रखने का आरोप लगाया था।

अधिकारी और तिवारी भाजपा में हो सकते हैं शामिल
शुभेन्दु अधिकारी और जितेंद्र तिवारी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में शनिवार को भाजपा में शामिल होने की संभावना है जिससे राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ आना निश्चित है। सूत्रों के मुताबिक अधिकारी का गुरुवार को दिल्ली जाने और भाजपा के केंद्रीय नेताओं के साथ बैठक का कार्यक्रम रद्द हो गया है और अब वह मिदनापुर जिले में शनिवार को शाह की रैली के दौरान भाजपा में शामिल हो सकते हैं। राज्य मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देने के पखवाड़े भर बाद अधिकारी ने बुधवार को विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस को एक व्यक्ति का संगठन करार देते हुए कहा कि पार्टी में एक साथ मिलकर काम करना अब मुश्किल हो गया है।

ममता ने साधा निशाना
इस बीच तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेअधिकारी के इस बगावती कदम पर दो टूक प्रतिक्रिया दी और कहा , ‘‘ इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।'' वहीं पार्टी सांसद सौगत रॉय ने भी तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि अधिकारी का बगावती रूख मुख्यमंत्री पद पाने की मंशा से प्रेरित है और वह इसी पर नजरें गड़ाये हुए हैं। 

Anil dev

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