नहरी प्रदूषण के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा पंजाब

punjabkesari.in Thursday, Mar 27, 2025 - 07:05 PM (IST)


चंडीगढ़, 27 मार्च:(अर्चना सेठी) पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने आज पंजाब विधानसभा सत्र के दौरान नहरी प्रदूषण के गंभीर मुद्दे पर बोलते हुए राज्य की नहर प्रणालियों को प्रभावित करने वाली पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की व्यापक जानकारी दी।

विधायक नरेश पुरी के सवाल के जवाब में कचरा डंपिंग की व्यापक समस्या पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि लोग नहरों के किनारे और नहरों के पानी में खुलेआम कचरा फेंक रहे हैं। यह समस्या खासतौर पर शहरी क्षेत्रों और कुछ ग्रामीण इलाकों में देखी गई है, जो पानी की गुणवत्ता के लिए एक बड़ा खतरा है, विशेष रूप से तब, जब नहरी पानी का उपयोग सिंचाई और पीने के लिए किया जा रहा हो।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इस चुनौती से निपटने के लिए सक्रिय कदम उठाते हुए जल संसाधन विभाग ने इस समस्या का गहन आकलन किया है और राज्यभर में प्रदूषित 492 स्थानों की पहचान की है। इनमें से 444 स्थानों को पहले ही दुरुस्त किया जा चुका है, जबकि शेष 48 स्थानों को भी व्यापक रणनीति के तहत सुधारने का कार्य प्रगति पर है।

नहरी प्रदूषण से निपटने के लिए अपनाई जा रही व्यापक रणनीति का विवरण देते हुए कैबिनेट मंत्री श्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि इस पर्यावरणीय चुनौती से निपटने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है। इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों में सख्त कानूनी कार्रवाई भी शामिल है, जैसे कि नॉर्दर्न इंडिया कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट की धारा 70 के तहत जुर्माने लगाना और भारतीय दंड संहिता की धारा 279 के तहत उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना शामिल है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए शहरी क्षेत्रों में कार्यकारी अधिकारियों और ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लॉक डेवलपमेंट एंड पंचायत ऑफिसर  जैसे अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है, जो लापरवाही या गलत कार्यों में लिप्त पाए जाते हैं।

उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव स्तर पर हर महीने डिप्टी कमिश्नरों के साथ समीक्षा बैठक की जाती है और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इन सभी स्थानों की जानकारी दी जाती है, ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके। उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा लुधियाना शहर के विभिन्न हिस्सों से गुज़रने वाली सिधवां नहर के किनारों पर तारों की जाली लगाने के लिए एनओसी जारी करने के बाद नगर निगम लुधियाना ने बैरिकेडिंग का कार्य पूरा कर लिया है। इससे अब लोग नहर में और नहर के किनारे कचरा नहीं फेंक सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे नहर के किनारे लोगों की पहुंच भी सीमित की गई है। इसी तरह, विभाग पूरे राज्य में अन्य आवश्यक स्थानों पर भी एनओसी जारी करेगा, जहां इस तरह के उपायों की जरूरत होगी।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नहरों के किनारे रैंप बनाने की अनुमति नहीं दी जा रही क्योंकि ये अंततः कचरा फेंकने के स्थान बन जाते हैं और कई बार लोगों की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर देते हैं। इसी तरह, विधायक गुरप्रीत सिंह बनांवाली द्वारा सरदूलगढ़ हलके को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में जल संसाधन मंत्री श्री बरिंदर कुमार गोयल ने भाखड़ा मेन ब्रांच नहर के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि 16.51 किलोमीटर के इस हिस्से में नहर पूरी तरह सुचारू रूप से संचालित हो रही है और कार्यशील है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भाखड़ा मेन ब्रांच नहर सरदूलगढ़ हलके से होकर गुजरती है, जिसकी लंबाई लगभग 16.51 किलोमीटर है। यह नहर अपनी क्षमता के अनुसार सही तरीके से चल रही है और बेहतर स्थिति में है, जिससे सरदूलगढ़ हलके के गांवों को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है।

उन्होंने यह भी बताया कि भाखड़ा मेन ब्रांच नहर का संचालन और रखरखाव भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी बी एम बी) के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। यह नहर हरियाणा और पंजाब राज्यों से होकर गुजरती है और दोनों राज्यों के जल संसाधन विभाग अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में आवश्यकतानुसार रखरखाव कार्य करते हैं। इन रखरखाव कार्यों का खर्च दोनों राज्यों द्वारा अपने निर्धारित हिस्से के अनुसार वहन किया जाता है।


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Content Editor

Archna Sethi

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