पंजाब सरकार राज्य के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध
punjabkesari.in Saturday, Feb 22, 2025 - 09:46 PM (IST)

चंडीगढ़, 22 फरवरी-(अर्चना सेठी) मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज स्पष्ट शब्दों में कहा कि पंजाब के पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए पानी की एक भी बूंद नहीं है और सतलुज यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर कभी हकीकत में नहीं बदलेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
आज यहां नव निर्मित एस.डी.एम. कॉम्पेक्स को समर्पित करने के मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने यह दोहराया कि पंजाब के पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है और किसी के साथ एक भी बूंद पानी साझा करने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार राज्य में पानी की उपलब्धता का पुनर्मूल्यांकन करना जरूरी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने हाल ही में रावी ब्यास ट्रिब्यूनल, जो कि रावी जल प्रणाली से संबंधित स्थानों पर जाने के लिए राज्य के दौरे पर है, को भी अपील की है कि वह नए सिरे से पुनर्मूल्यांकन करके राज्य के लोगों को न्याय दिलाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अधिकांश ब्लॉकों का पानी का स्तर बहुत नीचे चला गया है और राज्य में धरती के नीचे का पानी की स्थिति बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा कि क्योंकि राज्य के अधिकांश नदियों के स्रोत सूख गए हैं, इसलिए इसे अपनी सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए और पानी की जरूरत है। हालांकि, भगवंत सिंह मान ने कहा कि स्थिति इतनी गंभीर है कि पंजाब में पानी की कमी है और अन्न उत्पादकों को सिंचाई के लिए पानी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में किसी अन्य राज्य के साथ पानी की एक भी बूंद साझा करने का सवाल ही नहीं उठता।
एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की नौटंकियों पर चुटकी लेते हुए कहा कि चुनावों में खारिज हुए नेताओं को लोग कभी भी मुंह नहीं लगाएंगे। उन्होंने कहा कि बिट्टू ऐसे घटिया हथकंडों से मुख्यमंत्री के सरकारी निवास पर कब्जा करने के सपने देखता है पर इससे उसके हाथ पल्ले कुछ नहीं पड़ेगा क्योंकि यह सही मायने में आम लोगों का घर है, जो यहां अपनी पसंद के नेताओं को चुनकर भेजते हैं। उन्होंने कहा कि लोग ऐसे नेताओं को कभी नहीं चुनेंगे क्योंकि वे इनके संदिग्ध किरदार से अच्छी तरह परिचित हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने घोटालों और जबरन वसूली के प्रति कोई लिहाज न रखने की नीति अपनाई हुई है। ऐसे मामलों में कानून अपना काम करेगा और हम किसी भी दबाव के तहत नहीं झुकेंगे।