पुलवामा हमला: भारत के लिए नासूर बन गया है आतंकी जैश सरगना अजहर

Friday, Feb 15, 2019 - 11:15 AM (IST)

नई दिल्ली: कंधार प्लेन हाईजैक मामले में फिरौती में छूटा जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर भारत के लिए नासूर बन गया है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सी.आर.पी.एफ. काफिले पर आत्मघाती हमले का मास्टरमाइंड भी मसूद अजहर ही है। पाकिस्तान के पी.ओ.के. में बैठ कर जिस तरह से उरी हमले की साजिश रची गई, उसी तरह से पुलवामा हमले की साजिश भी पाकिस्तान के पी.ओ.के. में ही रची गई है जिसमें जैश ने स्थानीय आतंकियों के साथ मिलकर इसका ताना-बाना बुना। सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से उरी हमले से पहले आतंकियों ने उरी कैंप की पूरी रेकी की थी, ठीक उसी तरह से आतंकियों ने पुलवामा हाईवे की रेकी की। आतंकियों को पूरी सूचना थी कि सी.आर.पी.एफ . का काफिला कितने बजे गुजरेगा और इसमें कितने वाहन होंगे। 



18 सितम्बर 2016 को हुआ था उरी हमला
सूत्रों का कहना है कि उरी हमले के बाद जब भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक किया था तो उस समय सबसे ज्यादा नुक्सान जैश-ए-मोहम्मद का किया गया था। उसके टॉप के कमांडरों को मारा गया था। 18 सितम्बर 2016 को उरी हमला हुआ था, उसके कुछ दिनों बाद ही सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक किया था। जैश सॢजकल स्ट्राइक के बाद से ही उरी की तरह ही एक और हमला करने का प्रयास कर रहा था। पिछले 2 साल में जैश-ए-मोहम्मद के अनेक टॉप के कमांडर मारे गए हैं, इसलिए जैश ने हमला करने के लिए एक आत्मघाती तैयार किया ताकि हमले को आसानी से अंजाम दे सके क्योंकि अन्य हमलों के समान किए गए हमलों में सफलता कम मिल रही थी।

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है मसूद अजहर
मौलाना मसूद अजहर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है। यह वही मौलाना मसूद अजहर है जिसे 1999 में कंधार विमान अपहरण मामले में भारत ने रिहा किया था। उस वक्त मौलाना मसूद अजहर आतंकी संगठन हरकत-उल-मुजाहिद्दीन का सदस्य था। रिहाई के बाद पाकिस्तान के कराची में 31 जनवरी 2000 को मौलाना मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन की शुरूआत के साथ जेहाद की दुनिया में फिर कदम रखा। जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन का मुखिया मौलाना मसूद हरकत-उल-अंसार का महासचिव भी रह चुका है। आतंकी अजहर का जन्म पाकिस्तान के बहावलपुर में 1968 में हुआ था। 11 भाई-बहनों में अजहर 10वें नंबर पर था। अजहर के पिता सरकारी स्कूल में हैडमास्टर थे। उसका परिवार डेयरी का करोबार भी करता था। मौलाना मसूद अजहर की शिक्षा कराची में जामिया उलूम अल इस्लामिया में हुई। बाद में अजहर हरकत-उल-अंसार संगठन से जुड़ गया। पहली बार अजहर को 1994 में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया था।

अजहर को किया गया था पाकिस्तान से गिरफ्तार
दिसम्बर 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद अजहर को पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन लाहौर हाईकोर्ट के आदेश पर 2002 में उसे रिहा कर दिया गया। 2002 में अमरीकी पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या और उसके अपहरण के बाद अमरीका ने अजहर मसूद को सौंपने की मांग की थी। मसूद के सहयोगी शेख अहमद सईद उमर ने पर्ल की हत्या कर दी थी। 2003 में परवेज मुशर्रफ  पर हुए आत्मघाती हमले के मामले में उसके संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। दिसम्बर 2008 में भारत और अमरीका के दबाव के कारण पाक सरकार ने मसूद को उसके आवास पर नजरबंद कर दिया था। इससे पहले भी 2 बार अजहर को हिरासत में लिया गया था, हालांकि हर बार वह बचने में कामयाब रहा। जैश-ए-मोहम्मद एक पाकिस्तानी जेहादी संगठन है जिसके आतंकी जम्मू-कश्मीर समेत भारत के कई राज्यों में हुए आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं। इसकी स्थापना मार्च 2000 में मसूद अजहर ने की थी। जनवरी 2002 में जब इसे पाकिस्तान की सरकार ने बैन कर दिया था तब जैश-ए-मोहम्मद ने अपना नाम बदल कर खुद्दाम-उल-इस्लाम कर लिया था।




इन देशों में प्रतिबंधित है मसूद का संगठन
मसूद अजहर के आतंकी संगठन पर अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और भारत समेत कई देशों में प्रतिबंध है, फिर भी मसूद अजहर पाकिस्तान में खुलेआम रैलियों में भारत के खिलाफ  जहर उगलता है। मसूद अजहर को भारतीय विमान का अपहरण करने के लिए कभी कोई सजा नहीं मिली।  जैश-ए-मोहम्मद (आतंकी संगठन) की स्थापना फरवरी 2000 में पाक के कराची में संगठन के मुखिया मौलाना मसूद अजहर ने की। इस आतंकी संगठन का मुख्य उद्देश्य कश्मीर में हिंसा की घटनाओं में बढ़ौतरी करना व भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देना है। संगठन का मुख्य तरीका आत्मघाती हमला करना है। जैश-ए-मोहम्मद कट्टरपंथी विचारों वाले ऑडियो कैसेट कश्मीर भेज कर युवाओं को गुमराह करता है। इस संगठन में हरकत-उल-मुजाहिद्दीन और हरकत-उल-अंसार के कई चरमपंथी शामिल हैं।


 

अमरीका की ब्लैक लिस्ट में जैश-ए-मोहम्मद
अमरीका द्वारा तैयार की गई विदेशी आतंकी गुटों की ब्लैक लिस्ट में पाक स्थित जैश और लश्कर को रखा गया था। इस सूची में 44 आतंकी संगठन शामिल हैं। लश्कर और जैश दोनों ही लंबे समय से भारत में आतंकी गतिविधियां चला रहे हैं।

Anil dev

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